लखनऊ – जैन कनेक्ट संवाददाता | समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुंबई में एक जैन मंदिर के हालिया ध्वस्तीकरण पर कड़ी निंदा व्यक्त की है। उन्होंने इस घटना को न केवल धार्मिक आस्था का अपमान बताया, बल्कि इसे शांतिप्रिय जैन समाज के खिलाफ योजनाबद्ध हमलों की कड़ी का हिस्सा करार दिया। भाजपा सरकारों पर सीधा हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि जहां-जहां भाजपा सत्ता में है, वहीं अल्पसंख्यकों, विशेषकर जैन समाज को निशाना बनाया जा रहा है।
😔 देश में अल्पसंख्यक होना बनता जा रहा है अभिशाप : अखिलेश ने कहा कि वर्तमान माहौल में जैन समाज में भय और अनिश्चितता व्याप्त है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए अत्यंत चिंता का विषय है।
🏛️ जैन मंदिर गिराया गया – ये केवल एक इमारत नहीं थी : उन्होंने मंदिर ध्वस्तीकरण को धार्मिक असहिष्णुता की पराकाष्ठा बताते हुए कहा कि जिन प्रतिमाओं और शास्त्रों का अपमान हुआ है, उसे दोबारा स्थापित नहीं किया जा सकता।
🏔️ “गिरनार जी से शिखर जी तक – विवाद ही विवाद” : उन्होंने गुजरात और झारखंड की विवादित घटनाओं को याद दिलाते हुए कहा कि जैन स्थलों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है।
🧾 “जैन धर्म का दान, पर अधिकार नहीं?” : उन्होंने पूछा कि भाजपा के लिए जैन समाज केवल चंदा देने तक क्यों सीमित है – क्या उनके सम्मान और सुरक्षा की कोई जिम्मेदारी नहीं?
🎭 “हर बार माफी का नाटक क्यों?” : उन्होंने दोहराया कि जब भी समाज आवाज़ उठाता है, भाजपा माफी मांगने का दिखावा करती है – मगर अपमान और आस्था की क्षति नहीं भर सकती।
🕊️ “जैन धर्म – भारत की आत्मा का प्रतीक : उन्होंने जैन धर्म के अहिंसा, करुणा और सहअस्तित्व के मूल्यों को भारत की सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा बताया।
मुंबई में जैन मंदिर के ध्वस्तीकरण को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक गंभीर संदेश दिया है—यह न केवल एक धार्मिक संरचना का नुकसान है, बल्कि यह देश के सहिष्णुता के तानेबाने पर भी हमला है। उन्होंने भाजपा शासित सरकारों की नीतियों पर सवाल खड़े करते हुए जैन समाज को पूरा समर्थन देने का वादा किया।

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