वडूज – जैन कनेक्ट संवाददाता | ‘अहिंसा परमो धर्म की जय’ और ‘जियो और जीने दो’ के उद्घोष के बीच वडूज स्थित चिंतामणी पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर का तेईसवां वार्षिक रथोत्सव भव्य समारोहों के साथ संपन्न हुआ। तीन दिवसीय इस आयोजन में विविध धार्मिक कार्यक्रमों, व्याख्यानों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। श्रद्धालुओं ने भारी संख्या में उपस्थिति दर्ज कराते हुए रथोत्सव की शोभा बढ़ाई।
🛕 कल्याण मंदिर विधान का आयोजन : शनिवार को चिंतामणी पार्श्वनाथ मंदिर में कल्याण मंदिर विधान की भव्य पूजा संपन्न हुई।
🎤 स्मिता पाटील का प्रेरणादायक व्याख्यान : शनिवार सायंकाल पुणे की स्मिता पाटील ने ‘पालकत्व’ विषय पर प्रभावी व्याख्यान दिया।
🎶 धार्मिक गीतों से वातावरण भक्तिमय : रविवार को मनोज पाटील (आळते) ने धार्मिक गीतों की सुंदर प्रस्तुति देकर श्रद्धालुओं को भावविभोर किया।
🚩 ध्वजारोहण एवं दीपप्रज्वलन : सोमवार को शिरीष शहा (अकलूज) ने ध्वजारोहण एवं दीपप्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
🛐 रथपूजन का भव्य आयोजन : सागर दोशी ने विधिपूर्वक रथपूजन संपन्न कराया, जिसमें श्रद्धा और उल्लास का संगम देखने को मिला।
👑 रथारोहण का सम्मान : हर्षवर्धन शहा को रथ में विराजमान होने का गौरव प्राप्त हुआ, जिससे आयोजन की शोभा बढ़ी।
🎉 शहरभर में रथोत्सव मिरवणूक : रथ को घोड़ों और वाद्ययंत्रों के सजे धजे दल के साथ पूरे वडूज शहर के प्रमुख मार्गों पर भव्य मिरवणूक के रूप में निकाला गया।
🕊️ वीरगति प्राप्त जवान को श्रद्धांजलि : मिरवणूक के दौरान वीरगति प्राप्त चंद्रकांत काळे को गहन श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
📿 धार्मिक विधानों का संपादन : महावीर उपाध्ये और विधानाचार्य दिनेश उपाध्ये ने विभिन्न धार्मिक विधानों का कुशलतापूर्वक संपादन किया।
🍛 महाप्रसाद का आयोजन : चंचलाबाई शांतीलाल दोशी, सुवर्णा रतनचंद दोशी, वनिता शहा और सुमन शहा के परिवारों की ओर से सभी श्रद्धालुओं के लिए महाप्रसाद की व्यवस्था की गई।
वडूज का यह भव्य जैन रथोत्सव न केवल आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक बना, बल्कि समाजबंधुओं के बीच प्रेम, एकता और सेवा भावना को भी और प्रगाढ़ कर गया। पूरे आयोजन में श्रद्धा, उल्लास और संस्कारों का अद्भुत संगम देखने को मिला।

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