जयपुर–जैन कनेक्ट संवाददाता | श्री दिगंबर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान, सांगानेर के तत्वावधान में 16 मई से 27 मई तक देशभर में ग्रीष्मकालीन श्रमण संस्कृति संस्कार शिक्षण शिविर का आयोजन किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी पहल का उद्देश्य जैन धर्म व श्रमण संस्कृति की मूल शिक्षाओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाना और श्रावकों को संस्कारित बनाना है। रविवार को सांगानेर स्थित संस्थान के सभागार में आयोजित सभा में इस कार्यक्रम की घोषणा की गई तथा पदाधिकारियों की उपस्थिति में शिविर का पोस्टर भी विमोचित किया गया।
📅 16 मई से शुरू होंगे शिविर संस्थान द्वारा 16 से 27 मई तक देशभर में संस्कार शिविर आयोजित किए जाएंगे।
🏙️ जयपुर में 50 से अधिक शिविर केवल जयपुर में ही 50 से अधिक स्थानों पर इन शिविरों का आयोजन सुनिश्चित किया गया है।
🎓 संस्थान की निरंतर पहल संस्थान 1993 से संस्कारित समाज निर्माण हेतु लगातार ऐसे शिविरों का आयोजन करता आ रहा है।
🧘♀️ बालिकाओं की भागीदारी बालिका छात्रावास की अधिष्ठात्री शीला जैन ड्योडा ने शिविर की संरचना व महिला भागीदारी की जानकारी दी।
📘 जैन ग्रंथों का पाठ्यक्रम हर शिविर में विद्वान शिक्षक नियुक्त होंगे, जो जैन धर्मग्रंथों और श्रमण संस्कृति का अध्यापन कराएंगे।
📍 देशभर में व्यापक आयोजन संस्थान का प्रयास है कि देशभर के विभिन्न मंदिरों में यह संस्कार शिक्षा पहुंच सके।
🏆 श्रेष्ठ मंदिरों को पुरस्कार शिविर आयोजन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले तीन मंदिरों को समापन समारोह में सम्मानित किया जाएगा।
📖 प्रतिष्ठित र|ाकर अवार्ड प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को जयपुर स्तर पर र|ाकर अवार्ड की परीक्षा द्वारा चुना जाएगा।
👨👩👧 बड़ों और बच्चों दोनों के लिए शिक्षण शिविर में न केवल बच्चे बल्कि वयस्क भी शिक्षण प्राप्त करेंगे, जिससे परिवारिक स्तर पर संस्कृति का विकास हो।
📣 संगठनों की सहभागिता सभा में संयोजकों, मंदिर अध्यक्षों और मंत्रियों ने शिविर संचालन की रूपरेखा पर चर्चा की और सहयोग का संकल्प लिया।
सारांश:
श्रमण संस्कृति संस्थान, सांगानेर द्वारा आयोजित ये शिविर जैन समाज के लिए एक सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक पुनर्जागरण का माध्यम बनेंगे। बच्चों से लेकर बड़ों तक को जैन शिक्षाओं से जोड़ने वाला यह अभियान समाज में संस्कार, अनुशासन और धार्मिक चेतना को बढ़ावा देगा।
Leave a Reply