
पीरटांड़–जैन कनेक्ट संवाददाता | जैन धर्म के परम पावन सिद्धक्षेत्र सम्मेदशिखर जी, जहां बीस तीर्थंकरों ने निर्वाण प्राप्त किया, एक बार फिर साधु-संतों और श्रद्धालुओं की दिव्यता से आलोकित हो उठा। रविवार को गुणायतन, मधुबन में संत शिरोमणी आचार्य विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि श्री समता सागर जी महाराज ससंघ का मंगल प्रवेश हुआ। यह आगमन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बना, बल्कि देशभर से आए श्रद्धालुओं के लिए एक प्रेरणादायक क्षण भी रहा।
🔶 मुनिश्री समता सागर जी का आगमन आचार्य समय सागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती मुनि समता सागर जी का ससंघ गुणायतन में भव्य स्वागत हुआ।
👣 एक हजार किलोमीटर की पदयात्रा मुनिश्री ने छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरी तीर्थ डोंगरगढ़ से लगभग 1000 किमी की कठिन पदविहार यात्रा के बाद सम्मेदशिखर की धरती पर पदार्पण किया।
🌸 रंगोली व पद प्रक्षालन से स्वागत श्रद्धालुओं ने रंगोली सजाकर और साधु-संतों के चरणों का प्रक्षालन कर उनका भावपूर्ण स्वागत किया।
📿 संतों का विशाल ससंघ आगमन मुनि पवित्र सागर जी, एलक निश्चय सागर जी, एलक निजानंद सागर जी व छुलक संयम सागर जी समेत कई संत मुनिश्री के साथ पहुंचे।
🛕 गुणायतन में हुआ मंगल प्रवेश गुणायतन परिसर साधु-संतों के पदार्पण से आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर हो उठा, जहां भव्य धार्मिक आयोजन संपन्न हुए।
🎶 गाजे-बाजे से हुआ स्वागत मधुबन मोड़ से ही साधु-संतों की शोभायात्रा गाजे-बाजे और जयघोषों के साथ मंदिर परिसर तक लाई गई।
🙏 श्रद्धालुओं का देशभर से जुटान महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों से श्रद्धालु इस पावन क्षण के साक्षी बनने पहुंचे।
🕯️ धार्मिक विधियों का आयोजन गुणायतन सभागार में आरती, पद प्रक्षालन, प्रवचन व अन्य धार्मिक अनुष्ठान संपन्न हुए।
🧘♀️ आचार्य विद्यासागर परंपरा की गौरवगाथा यह प्रवास आचार्य विद्यासागर जी की साधना परंपरा की सशक्त प्रस्तुति बना, जिसमें संयम, त्याग और तपस्या की झलक दिखी।
🤝 समाज व संस्था का सहयोग सिंघाई राजाराम जैन, नन्ही देवी जैन, अजित जैन, नीरज जैन समेत मधुबन समाज और गुणायतन के लोगों ने आयोजन को सफल बनाया।
इस धार्मिक आयोजन ने सिद्धक्षेत्र सम्मेदशिखर की आध्यात्मिक गरिमा को नई ऊंचाई दी। मुनिश्री समता सागर जी का आगमन जैन समाज के लिए प्रेरणा और भक्ति का केंद्र बन गया है। श्रद्धालु जनों के बीच यह एक अविस्मरणीय क्षण बनकर उभरा।
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