सागर में आकार ले रहा विश्व का सबसे बड़ा जैन तीर्थ !

सागर – जैन कनेक्ट संवाददाता | मध्यप्रदेश के सागर शहर में एक अद्वितीय और ऐतिहासिक जैन तीर्थ का निर्माण अंतिम चरणों की ओर अग्रसर है। यह सर्वतोभद्र जिनालय न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व में अब तक का सबसे विशाल जैन मंदिर बनने जा रहा है। मंदिर निर्माण की शुरुआत वर्ष 2016 में जैन मुनि आचार्य विद्यासागर जी के आशीर्वाद से हुई थी। बीते 9 वर्षों में इस भव्य मंदिर की रूपरेखा उभरकर सामने आई है और अगले 5 वर्षों में इसके पूर्ण रूप से तैयार हो जाने की उम्मीद है।

👇 मंदिर निर्माण से जुड़ीं प्रमुख बातें:

🔨 2016 में शुभारंभ मंदिर निर्माण की नींव 2016 में आचार्य विद्यासागर जी के आशीर्वाद से रखी गई थी।

🏗️ तीन खंडों में विभाजित विशाल संरचना मंदिर को तीन प्रमुख खंडों में विभाजित किया गया है, जो इसकी विशालता को दर्शाता है।

📿 324 मूर्तियों की प्रतिष्ठा मंदिर में कुल 324 जैन तीर्थंकरों की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी।

⛏️ 11 लाख घनफीट पत्थर का उपयोग मंदिर में अब तक किसी भी भारतीय धार्मिक स्थल की तुलना में सबसे अधिक 11 लाख घनफीट पत्थर का उपयोग हुआ है।

🪨 राजस्थान और गुजरात के पत्थरों से निर्माण इस भव्य निर्माण में लाल और पीले पत्थरों का उपयोग किया गया है, जो राजस्थान और गुजरात से मंगवाए गए हैं।

🌄 216 फीट ऊंचा मंदिर शिखर मंदिर का शिखर 216 फीट ऊंचा होगा, जो शहर की पहचान बनेगा।

👁️ वास्तुदोष से मुक्ति का प्रतीक आचार्य विद्यासागर के अनुसार, मंदिर का शिखर जहां तक दिखाई देगा, वहां तक के वास्तुदोष स्वतः ही समाप्त हो जाएंगे।

🧱 गहराई में बना मजबूत आधार 21 फीट गहराई तक मिट्टी और चूने से मजबूत नींव तैयार की गई है, जिससे संरचना दीर्घकालीन होगी।

🏥 भाग्योदय तीर्थ से प्रेरणा 1993 में सागर में बने भाग्योदय तीर्थ अस्पताल से ही मंदिर निर्माण की प्रेरणा मिली थी।

🌍 विश्व स्तर पर पहला मंदिर निर्माण समिति का दावा है कि इतना विशाल और सर्वतोभद्र जिनालय पूरी दुनिया में और कहीं नहीं है।

इस मंदिर का निर्माण केवल एक आस्था केंद्र नहीं, बल्कि भारतीय स्थापत्य कला और जैन संस्कृति की गौरवशाली धरोहर का प्रतीक बनेगा। इसकी भव्यता, विस्तार और आध्यात्मिक उद्देश्य इसे विश्व के धार्मिक मानचित्र पर एक अद्वितीय स्थान प्रदान करेंगे।

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