भगवान महावीर की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक: मधुबनी में परिचर्चा का आयोजन

मधुबनी – जैन कनेक्ट संवाददाता | रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी में भगवान महावीर जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित एक दिवसीय परिचर्चा में छात्रों, शिक्षकों और विद्वानों ने महावीर स्वामी के सिद्धांतों की आज के सामाजिक, नैतिक एवं शैक्षिक परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिकता पर गहन विमर्श किया। कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (IQAC), शिक्षाशास्त्र विभाग और हिंदी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।

📿 अहिंसा और सत्य पर आधारित उद्घाटन प्राचार्य डॉ. अनिल कुमार मंडल ने उद्घाटन भाषण में महावीर के अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य और अस्तेय के सिद्धांतों को आज की सामाजिक चुनौतियों का समाधान बताया।

🧠 युवा पीढ़ी के लिए नैतिकता का संदेश उन्होंने युवाओं को इन सिद्धांतों को आत्मसात करने की अपील की ताकि समाज में शांति और सद्भाव स्थापित हो सके।

🎤 संचालन में छात्र का नेतृत्व कार्यक्रम का संचालन शिक्षाशास्त्र विभाग के छात्र केशव रंजन ने प्रभावशाली रूप से किया, जो छात्रों की सहभागिता को दर्शाता है।

🗣️ वक्ताओं ने रखे विचार उर्दू विभाग के मो. मरगुब आलम ने युवाओं में संवेदनहीनता, भौतिकवाद और नैतिक संकट की स्थिति में महावीर स्वामी की शिक्षाओं की आवश्यकता पर बल दिया।

📚 शिक्षा नीति और महावीर के सिद्धांत डॉ. मृणाल कुमार झा ने नई शिक्षा नीति 2020 को भगवान महावीर की विचारधारा से जोड़ते हुए अपने विचार प्रस्तुत किए।

📖 हिंदी विभाग ने जताई जैन दर्शन की महत्ता डॉ. हनी दर्शन ने जैन धर्म को भारतीय दर्शन की आत्मा बताया और महावीर स्वामी के योगदान को रेखांकित किया।

🙏 धन्यवाद ज्ञापन में सामूहिक सहयोग को सराहा डॉ. रूबी कुमारी ने सभी छात्रों, शिक्षकों और अतिथियों का आभार व्यक्त किया और आयोजन को सफल बनाने हेतु सराहना की।

👥 शिक्षकगण की व्यापक सहभागिता कार्यक्रम में डीके राय, डॉ. अवधेश कुमार, डॉ. मनोज कुमार चौधरी, डॉ. सुषमा भारती सहित अनेक शिक्षकगण उपस्थित रहे।

🌱 मानवता और पर्यावरण के लिए संदेश परिचर्चा में यह विचार भी सामने आया कि भगवान महावीर के सिद्धांत न केवल मानव समाज बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए भी मार्गदर्शक हैं।

🔍 वर्तमान संदर्भों में महावीर की प्रासंगिकता सभी वक्ताओं ने इस बात पर बल दिया कि आज के सामाजिक संघर्षों और मूल्य संकट में भगवान महावीर की शिक्षाएं अत्यंत उपयोगी और मार्गदर्शक हैं।

परिचर्चा ने यह स्पष्ट किया कि भगवान महावीर केवल एक ऐतिहासिक पुरुष नहीं, बल्कि आज के युग में भी उनके सिद्धांत सामाजिक और शैक्षिक विमर्शों का केंद्रीय विषय हैं। उनके विचार आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं और नैतिक मूल्य आधारित समाज की नींव रख सकते हैं।

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