
सैलाना – जैन कनेक्ट संवाददाता | रतलाम जिले के सैलाना कस्बे से जैन धर्म के अनुशासन और संयम की प्रेरणादायक खबर सामने आई है, जहां राठौड़ समाज की दो सगी बहनों ने सांसारिक मोह-माया का त्याग कर दीक्षा लेने का निर्णय लिया है। शीतल राठौड़ और सपना राठौड़ नामक इन दोनों बहनों को जैन धर्म के सिद्धांतों और मुनि श्री अशोक सागर जी महाराज के प्रवचनों से इतनी प्रेरणा मिली कि उन्होंने संयम पथ को जीवन का लक्ष्य बना लिया। अब 19 अप्रैल को पालीताणा (शंखेश्वरपुरम्) में दोनों बहनें विधिवत रूप से दीक्षा अंगीकार करेंगी।
👭 सगी बहनों ने लिया संयम पथ का संकल्प शीतल और सपना राठौड़ ने एक साथ जैन दीक्षा लेने का निर्णय लेकर समाज में संयम की मिसाल पेश की।
📍 पालीताणा में होगा दीक्षा महोत्सव दीक्षा 19 अप्रैल को शंखेश्वरपुरम् पालीताणा में आचार्य श्री अशोक सागर जी महाराज के सान्निध्य में संपन्न होगी।
📖 जैन धर्म के विचारों से प्रेरित निर्णय दोनों बहनों ने वर्षों तक जैन धर्म का अध्ययन और साधु-साध्वियों की सेवा कर दीक्षा की तैयारी की।
🙏 परिवार की सहमति से मिली दृढ़ता दीक्षा के लिए परिवार से अनुमति मिलने के बाद दोनों ने संयम पथ अपनाने का निश्चय किया।
👨👩👧👧 धार्मिक माहौल में हुआ पालन-पोषण शीतल और सपना का पालन एक ऐसे परिवार में हुआ, जो जैन धर्म से गहराई से प्रभावित है।
👣 बचपन से रही धर्म साधना में रुचि दोनों बहनें बचपन से ही धार्मिक गतिविधियों में रुचि रखती थीं और भाई संजय से प्रेरित थीं।
🎉 दीक्षा से पूर्व शोभायात्रा और रस्में दीक्षा से पहले भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी और सांसारिक वस्तुओं का परित्याग किया जाएगा।
🗣️ जैन श्रीसंघ ने किया समर्थन श्रीसंघ के अध्यक्ष सुरेंद्र मेहता ने कहा कि यह पूरे संघ और सैलाना समाज के लिए गौरव की बात है।
🌿 दीक्षा के पीछे मुनि श्री की प्रेरणा आचार्य श्री अशोक सागर जी महाराज के उपदेशों से प्रेरित होकर बहनों ने यह कठोर निर्णय लिया।
💫 संघर्ष से संयम तक की प्रेरणादायक यात्रा इन बहनों की यात्रा इस बात का प्रतीक है कि सच्ची लगन से कोई भी आत्मकल्याण के पथ पर अग्रसर हो सकता है।
सैलाना की शीतल और सपना राठौड़ की दीक्षा यात्रा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आज के युवाओं के लिए संयम, त्याग और आत्मिक शांति की ओर बढ़ने की प्रेरणा है। यह पल न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे समाज के लिए गौरवपूर्ण है।
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