डाइट एक्सपर्ट रजत जैन की किताब ‘Fueling the Force’ का भव्य विमोचन

जयपुर–जैन कनेक्ट संवाददाता | स्वास्थ्य और पोषण पर कई किताबें आपने देखी होंगी, लेकिन जयपुर के प्रसिद्ध डायटीशियन रजत जैन ने जो किया, वह बेहद खास है। हाल ही में राजस्थान पुलिस अकादमी (RPA) में उनकी नई किताब “Fueling the Force: Nutrition & Fitness for Police” का भव्य विमोचन हुआ। यह किताब देश की पुलिस फोर्स के लिए समर्पित है – उन रक्षक वीरों के लिए, जो हर हालात में ड्यूटी निभाते हैं, मगर अपनी सेहत के लिए समय नहीं निकाल पाते।

🚔 पुलिस बल को समर्पित अनोखी किताब रजत जैन की यह किताब खास तौर पर पुलिसकर्मियों की अनियमित जीवनशैली, तनाव, और सेहत संबंधी चुनौतियों को ध्यान में रखकर लिखी गई है।

🎓 RPA में हुआ भव्य विमोचन राजस्थान पुलिस अकादमी में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि एस. सेंगथिर (IPS) और लता मनोज कुमार (IPS) ने पुस्तक का विमोचन किया।

👮 400 से अधिक पुलिसकर्मी रहे उपस्थित इस मौके पर दर्जनों वरिष्ठ अधिकारी, प्रशिक्षु और 400 से अधिक जवान मौजूद थे, जिन्होंने कार्यक्रम को ध्यानपूर्वक सुना।

🧠 हेल्थ टॉक में रजत का प्रभावी संवाद रजत जैन ने एक दमदार हेल्थ टॉक दिया जिसमें उन्होंने सरल भाषा और वास्तविक उदाहरणों से पुलिस की सेहत की गंभीरता को उजागर किया।

📚 बिना बोरिंग चार्ट्स, दिल से जुड़ी बातें अपने सत्र में रजत ने कोई जटिल चार्ट या ग्राफ नहीं दिखाया बल्कि जीवन से जुड़े अनुभवों के ज़रिए बात की।

❤️ पुलिस बल के त्याग को सलाम रजत ने कहा, “पुलिसवाले हमारी सुरक्षा करते हैं, पर खुद की सेहत को भूल जाते हैं – ये किताब उस त्याग को समर्पित है।”

🌍 राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने की योजना यह किताब सिर्फ राजस्थान तक सीमित नहीं रहेगी, इसे देशभर की पुलिस अकादमियों और यूनिट्स में भेजने का लक्ष्य है।

🧑‍⚕️ रजत जैन की पेशेवर योग्यता रजत स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनिस्ट, क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट और डायबिटीज एजुकेटर हैं, साथ ही योग में भी विशेषज्ञता रखते हैं।

🏋️ सेहत से जुड़े रोजमर्रा के समाधान वह थायरॉयड, मधुमेह, मोटापा, पीसीओडी जैसी समस्याओं पर नियमित डाइट काउंसलिंग करते हैं।

🌱 हिंडोली से जयपुर तक की प्रेरणादायक यात्रा बूंदी जिले के छोटे कस्बे हिंडोली से निकलकर रजत जैन ने जयपुर में अपनी पहचान बनाई और अब राष्ट्रीय मंच पर हैं।

रजत जैन की यह पुस्तक सिर्फ पुलिस बल की सेहत का ख्याल रखने के लिए नहीं, बल्कि समाज को यह सोचने पर मजबूर करने के लिए है कि अगर हमारी सुरक्षा करने वाला बल खुद को फिट रखने की पहल कर सकता है, तो हम क्यों नहीं? यह किताब एक चेतना है – हमारे जीवनशैली में बदलाव लाने की।

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