
जैसलमेर – जैन कनेक्ट संवाददाता | राजस्थान के जैसलमेर जिले के फलसूण्ड कस्बे की बेटी प्रेक्षा कोचर 3 सितंबर को अहमदाबाद के कोबा क्षेत्र में जैन तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण के सानिध्य में दीक्षा ग्रहण करेंगी। प्रेक्षा का यह अध्यात्मिक निर्णय न केवल उनके परिवार, बल्कि सम्पूर्ण जैन समाज के लिए गौरव का क्षण बन गया है। दीक्षा से पूर्व फलसूण्ड में उनके ननिहाल से निकले भव्य वरघोड़े ने जनमानस को भावविभोर कर दिया। सजे-धजे रथ, भजनों की गूंज और उत्साह से लबरेज़ वातावरण ने पूरे कस्बे को धर्ममय बना दिया।
🎉 भव्य वरघोड़े ने खींचा सबका ध्यान फलसूण्ड की सड़कों पर निकले दीक्षार्थी प्रेक्षा के वरघोड़े ने सभी का मन मोह लिया। भक्ति गीतों और जयघोषों के साथ शोभायात्रा सम्पन्न हुई।
🚩 सजीव झांकी में दीक्षार्थी की विराजमानता आकर्षक वाहन पर सुसज्जित होकर प्रेक्षा कोचर विराजमान थीं, जिनका फूलों की वर्षा से भव्य स्वागत हुआ।
📢 ‘दीक्षार्थी अमर रहे’ के नारों से गूंजा नगर श्रद्धालुओं ने ‘दीक्षार्थी अमर रहे’ के जयकारों के साथ वातावरण को भावमय बना दिया।
🌼 मुख्य मार्गों पर हुआ उत्साहपूर्वक स्वागत फलसूण्ड के कोने-कोने में लोगों ने फूलों से स्वागत कर दीक्षा के लिए जा रही प्रेक्षा को शुभकामनाएं दीं।
🎶 महिलाओं ने गाए मंगल गीत जैन समाज की महिलाओं ने मंगल गीतों के माध्यम से प्रेक्षा के इस धार्मिक निर्णय को सराहा।
🧘♀️ आत्मिक सुख की खोज ने बदला जीवन प्रेक्षा ने बताया कि उन्हें आत्मा के भीतर ही सच्चा सुख मिला, जो दीक्षा का आधार बना।
👨👩👧 माता-पिता को बताया प्रथम गुरु प्रेक्षा का कहना है कि उनके जीवन में सबसे पहले अध्यात्म की प्रेरणा माता-पिता से मिली।
🕊️ राग-द्वेष से मुक्त होने का लिया संकल्प प्रेक्षा का मानना है कि सच्चा सुख राग, द्वेष और अहंकार से दूर रहने में ही संभव है।
🎊 समाज और परिवार ने जताया गर्व पिता राजेंद्र कुमार और माता पुष्पा देवी समेत पूरा परिवार भावुक और गौरवान्वित नजर आया।
📜 फलसूण्ड के लिए ऐतिहासिक दिन स्थानीय जैन समाज ने इसे फलसूण्ड के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखे जाने वाला दिन बताया।
संक्षेप में, प्रेक्षा कोचर का यह दीक्षा संकल्प आत्मिक उन्नति की ओर बढ़ता प्रेरणादायक कदम है। उनका भव्य वरघोड़ा न केवल एक धार्मिक आयोजन था, बल्कि समाज को त्याग और संयम के संदेश देने वाला अनूठा अवसर भी सिद्ध हुआ।
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