ग्वालियर में भगवान पार्श्वनाथ को समर्पित किया गया 23 फुट ऊंचा निर्वाण लड्डू

ग्वालियर – जैन कनेक्ट संवाददाता | ग्वालियर शहर में जैन धर्म के इतिहास का एक अभूतपूर्व दृश्य देखने को मिला, जब भगवान पार्श्वनाथ के मोक्ष कल्याणक के पावन अवसर पर 23 फुट ऊंचा निर्वाण लड्डू समर्पित किया गया। यह आयोजन गुरुवार को चंपाबाग बगीची में आचार्य श्री सुबल सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में, संमति सुबल पावन वर्षायोग समिति और सकल जैन समाज के संयुक्त तत्वावधान में सम्पन्न हुआ। यह न केवल ग्वालियर बल्कि पूरे मध्यप्रदेश का पहला और ऐतिहासिक आयोजन बना, जिसने हजारों श्रद्धालुओं को एकत्र किया।

📿 इतिहास में पहली बार 23 फुट ऊंचा लड्डू जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ को समर्पित 23 फुट ऊंचा निर्वाण लड्डू पहली बार ग्वालियर में श्रद्धा से अर्पित किया गया।

🚩 मध्यप्रदेश का पहला आयोजन पूरा कार्यक्रम ग्वालियर में होने के कारण यह मध्यप्रदेश राज्य में अपने आप में पहला और सबसे विशाल आयोजन बन गया।

🙏 हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति ग्वालियर संभाग के लश्कर, मुरार, उपनगरों एवं ग्रामीण अंचलों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु कार्यक्रम में शामिल हुए।

🛐 आचार्य श्री सुबल सागर महाराज का सानिध्य पूरे आयोजन का नेतृत्व आचार्य श्री सुबल सागर महाराज ससंघ ने किया, जिससे आयोजन की गरिमा और भी बढ़ गई।

💧 कलशों से हुआ भव्य अभिषेक इंद्रों द्वारा जयघोष के साथ कलशों से भगवान पार्श्वनाथ का पारंपरिक अभिषेक किया गया।

📖 निर्वाण पाठ एवं कल्याण स्तोत्र विधान आचार्यश्री के निर्देशन में निर्वाण पाठ और कल्याण मंदिर स्तोत्र विधान का आयोजन श्रद्धा से सम्पन्न हुआ।

🎁 सामूहिक महाअर्घ्य समर्पण इंद्र-इंद्राणियों ने मिलकर भगवान के चरणों में महाअर्घ्य अर्पित कर अद्भुत आध्यात्मिक वातावरण निर्मित किया।

🚩 रथ खींचकर समर्पित किया गया लड्डू 23 फुट ऊंचे निर्वाण लड्डू को रथ में रखकर भक्ति गीतों के बीच भगवान के समक्ष समर्पित किया गया।

🧡 23 परिवारों द्वारा लड्डू अर्पण 23 परिवारों ने 23 किलो, 11 किलो और 5 किलो के लड्डू भगवान के चरणों में अर्पित किए, जो समाज की सामूहिक श्रद्धा का प्रतीक बना।

📸 सेल्फी और यादों में कैद हुआ पल भक्तों ने इस ऐतिहासिक लड्डू को अपने मोबाइल में सेल्फी और फोटो के माध्यम से स्मृतियों में संजो लिया।

यह आयोजन केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि पूरे समाज की एकजुटता, श्रद्धा और परंपरा की जीवंत मिसाल बन गया। भगवान पार्श्वनाथ के प्रति इस अद्वितीय श्रद्धा ने ग्वालियर को जैन धर्म के आध्यात्मिक नक्शे पर एक नई ऊंचाई दी।

Source : Punjab Kesari

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