पारसनाथ पर्वत की पवित्रता बनाए रखने झारखंड हाईकोर्ट सख्त

रांची – जैन कनेक्ट संवाददाता | झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को जैन समुदाय के लिए अत्यंत पवित्र माने जाने वाले पारसनाथ पर्वत की धार्मिक गरिमा को बनाए रखने के लिए राज्य सरकार को सख्त निर्देश जारी किए। अदालत ने राज्य से कहा कि वह केंद्र सरकार की अधिसूचना और कार्यालय ज्ञापन का सख्ती से पालन करे, जिसमें पर्वत क्षेत्र में मांसाहार, शराब और पर्यटन जैसी गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।

अदालत ने यह आदेश एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया, जिसमें पारसनाथ पर्वत की पवित्रता की रक्षा की मांग की गई थी। अदालत ने कहा कि धार्मिक स्थलों पर विशेष गतिविधियों पर रोक कोई नई बात नहीं है और न्यायालय पूर्व में भी ऐसे प्रतिबंधों को मान्यता दे चुका है।

🔸 पर्वत की पवित्रता के लिए सख्त निर्देश 🛑 झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को केंद्र की अधिसूचना व 2023 कार्यालय ज्ञापन का पूर्ण पालन सुनिश्चित करने को कहा।

🔸 मांसाहार और शराब पर पूर्ण प्रतिबंध 🚫 अदालत ने पर्वत पर शराब, मांसाहार व अन्य नशीले पदार्थों के सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध की पुष्टि की।

🔸 पर्यटन गतिविधियों पर रोक 🏞️ कोर्ट ने पर्वत को पर्यटन स्थल के रूप में प्रचारित करने व पर्यटन की अनुमति देने पर आपत्ति जताई।

🔸 स्कूलों में अंडे सहित मांसाहारी भोजन पर प्रतिबंध 🥚 पर्वत पर स्थित प्राथमिक विद्यालयों और आंगनवाड़ियों में अंडा तक परोसने की अनुमति नहीं होगी।

🔸 पशु बलि और शिकार पर रोक 🦌 कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पशुओं को नुकसान पहुँचाने वाले किसी भी कार्य की अनुमति नहीं दी जा सकती।

🔸 अवैध निर्माणों की जांच के निर्देश 🏗️ अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पर्वत पर मौजूद ढांचों की जांच का आदेश दिया — वे वैध हैं या नहीं।

🔸 खनन गतिविधियों की स्थिति पर रिपोर्ट ⛏️ कोर्ट ने पूछा कि क्या पर्वत पर किसी प्रकार की खनन गतिविधियां चल रही हैं, यदि हाँ, तो वे किस स्थिति में हैं।

🔸 25 होमगार्ड से नहीं चलेगा काम 👮 पर्वत के 16000 एकड़ क्षेत्र में 25 होमगार्ड अपर्याप्त बताए गए, संख्या बढ़ाने के आदेश दिए।

🔸 जैन समुदाय की ओर से की गई पैरवी 📜 ‘ज्योति’ ट्रस्ट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने कोर्ट में पैरवी कर पर्वत को जैन धर्म का अत्यंत पवित्र स्थल बताया।

🔸 संताल जनजाति की आस्था का भी सम्मान 🙏 कोर्ट ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता ने कभी भी संताल जनजाति की धार्मिक मान्यताओं पर आपत्ति नहीं जताई।

इस ऐतिहासिक निर्णय में झारखंड हाईकोर्ट ने पारसनाथ पर्वत की धार्मिक गरिमा की रक्षा को सर्वोपरि मानते हुए मांसाहार, शराब, पर्यटन और खनन जैसी गतिविधियों पर सख्ती से रोक लगाने का निर्देश दिया है। अदालत का यह कदम न केवल जैन समुदाय की आस्था की रक्षा करता है, बल्कि एक धार्मिक स्थल के संरक्षण की दिशा में एक निर्णायक पहल भी है।

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