पुराने जैन मंदिर के नवीनीकरण हेतु संकल्पबद्ध हुआ जैन समाज

पानीपत – जैन कनेक्ट संवाददाता | पानीपत के जैन मोहल्ला स्थित श्री 1008 महावीर स्वामी दिगंबर जिनालय (छोटा मंदिर) के नवीनीकरण हेतु आयोजित पंच दिवसीय महोत्सव का समापन गुरुवार को धूमधाम और भक्तिभाव के साथ हुआ। परम पूज्य गणिनी आर्यिका 105 आर्षमति माताजी ससंघ के पावन सान्निध्य में विधिवत प्रतिष्ठा विस्थापन प्रक्रिया संपन्न हुई। इस अवसर पर समस्त जैन समाज ने एकजुट होकर 200 वर्षों से अधिक पुराने मंदिर के नव निर्माण हेतु दृढ़ संकल्प लिया।

🔔 विस्थापन विधि से हुआ शुभारंभ प्रतिष्ठाचार्य डॉ. अभिषेक जैन दमोह के निर्देशन में विधिवत प्रतिष्ठा विस्थापन की प्रक्रिया संपन्न हुई।

🛕 समाज ने लिया नव निर्माण का संकल्प समस्त जैन समाज ने एकमत होकर मंदिर नवीनीकरण में पूर्ण सहयोग का संकल्प लिया।

🪔 प्रतिमाएं मस्तक पर धारण कर अस्थायी वेदी पर विराजित शहनाई वादन के साथ श्रद्धालुओं ने प्रतिमाएं मस्तक पर धारण कर बड़े मंदिर की अस्थायी वेदी पर विराजित कीं।

👑 मूलनायक महावीर स्वामी की प्रथम पूजा भगवान महावीर स्वामी की प्रथम पूजा और अभिषेक का सौभाग्य सुरेश जैन व श्रीपाल जैन परिवार को मिला।

📜 मंदिर का ऐतिहासिक महत्व एडवोकेट मेहुल जैन ने बताया कि छोटा मंदिर 200 वर्ष पुराना, बड़ा मंदिर 800 वर्ष पुराना और प्रतिमाएं लगभग 1500 वर्ष प्राचीन हैं।

📚 उत्तर भारत की सबसे बड़ी जैन लाइब्रेरी का निर्माण नवनिर्माणाधीन मंदिर में उत्तर भारत की सबसे विशाल जैन लाइब्रेरी भी स्थापित की जाएगी।

🗣️ माताजी का प्रवचन: युवाओं को जोड़ना प्राथमिकता गणिनी माताजी ने युवाओं को मंदिरों से जोड़ने और समाज की मुख्यधारा में लाने का आह्वान किया।

🌱 एकता का मंत्र: “एक हैं तो सेफ हैं” माताजी ने कहा, “हम सब एक हैं तो सेफ हैं और सेफ हैं तो नेक हैं” – इस सूत्र को अपनाना चाहिए।

🎉 अक्षय तृतीया पर्व का उल्लास अक्षय तृतीया पर भगवान ऋषभदेव के पारणा दिवस को दान पर्व के रूप में मनाया गया।

🎭 ज्ञान सागर महाराज का अवतरण दिवस आज शुक्रवार को पारसनाथ वाटिका में आचार्य ज्ञान सागर महाराज का अवतरण दिवस भव्य आयोजनों के साथ मनाया जाएगा।

मंदिर के नवीनीकरण हेतु जैन समाज की यह एकजुटता न केवल धार्मिक धरोहर को संजोने का प्रयास है, बल्कि युवाओं को धार्मिक मूल्यों से जोड़ने की प्रेरणा भी है। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक उन्नति, बल्कि सांस्कृतिक जागरूकता का भी प्रतीक बना।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*