पालीताणा में 12 मार्च से प्रारंभ होगी छह-गांव तीर्थयात्रा !

पालीताणा – जैन कनेक्ट संवाददाता | सौराष्ट्र की पावन भूमि पर स्थित पालीताणा के शेत्रुंज्य तीर्थ में इस वर्ष की बहुप्रतीक्षित छह-गांव तीर्थयात्रा का शुभारंभ 12 मार्च, बुधवार प्रातः 4 बजे से होगा। हजारों श्रद्धालु, देश-विदेश से आकर इस पुण्य यात्रा में भाग लेंगे। परंपरागत तरीके से श्रद्धालुओं का पैर धोकर, तिलक कर एवं सिक्के अर्पित कर सम्मान किया जाएगा। यह यात्रा आध्यात्मिक उन्नति, सेवा और श्रद्धा का संगम मानी जाती है।

🚶‍♂️ 16 किलोमीटर लंबी पवित्र पदयात्रा यह यात्रा पालीताणा तलहटी से शुरू होकर सिद्धवड़ गांव तक 16 किमी की दूरी तय करती है, जिसमें श्रद्धालु 1250 से अधिक मंदिरों के दर्शन करते हैं।

⛰️ शेत्रुंज्य पर्वत की 3501 सीढ़ियां 603 मीटर ऊंचे पर्वत पर स्थित मंदिरों तक पहुंचने के लिए श्रद्धालु 3501 सीढ़ियां चढ़ते हैं, जो तपस्या और श्रद्धा का प्रतीक है।

🚌 राजकोट से 35 बसों द्वारा आवागमन राजकोट से 30-35 बसों द्वारा श्रद्धालुओं को पालीताणा लाया जाएगा, जिससे यात्रा में सुविधा हो।

💧 आदेश्वरदादा के जल का दर्शन श्रद्धालु आदेश्वरदादा के पवित्र जल का दर्शन करेंगे और अजितनाथ तथा शांतिनाथ स्वामी के मंदिरों में पूजा अर्पित करेंगे।

🏞️ चंदन तलावड़ी से सिद्धवड़ तक चंदन तलावड़ी में उबले जल का प्रसाद लेने के बाद, हस्तगिरि, सिद्ध शीला गुफा, सूरज कुंड के दर्शन कर तीर्थ यात्री सिद्धवड़ पहुंचेंगे।

🍽️ विशेष जैन व्यंजनों की व्यवस्था पाल पर ढेबरा-दही, गाठिया, थेपला, फलों से लेकर खिचड़ी-कढ़ी तक शुद्ध जैन भोजन उपलब्ध रहेगा।

🌟 श्रद्धालुओं का सम्मान समारोह आदपुर गांव में श्रद्धालुओं के पैर धोकर, तिलक लगाकर व सिक्के भेंट कर पारंपरिक रूप से उनका सम्मान किया जाएगा।

🚆 मुंबई से विशेष ट्रेन की सुविधा मुंबई सहित विभिन्न शहरों से विशेष ट्रेन और 50 से अधिक बसों की व्यवस्था की गई है, जिससे अधिकतम श्रद्धालु भाग ले सकें।

🤝 सेवा में जुटे अनेक जैन केंद्र मुंबई, राजस्थान, वडोदरा, राजकोट, कोलकाता सहित कई जैन केंद्र यात्रा के दौरान निःशुल्क सेवा और आतिथ्य प्रदान करेंगे।

🧘‍♂️ पुण्य लाभ और आत्मिक ऊर्जा का अवसर
यह तीर्थयात्रा श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ऊर्जा, संयम और सेवा के माध्यम से आत्मिक उन्नति का अवसर प्रदान करती है।

पालीताणा की छह-गांव तीर्थयात्रा न केवल आस्था का पर्व है, बल्कि यह सेवा, संयम और सामूहिक एकता का उत्सव भी बन चुका है। हजारों श्रद्धालु इस पावन यात्रा में भाग लेकर आत्मकल्याण और पुण्य अर्जन का संकल्प लेकर लौटते हैं।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*