
जोधपुर-जैन कनेक्ट संवाददाता | ओसवाल समाज बंधुओं द्वारा 2482वां ओसवाल स्थापना दिवस 23 जुलाई को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा। इस ऐतिहासिक अवसर की शुरुआत शनिवार को जोधपुर के भैरूबाग स्थित जैन मंदिर से की गई, जहां साध्वी अर्चितगुणाश्रीजी के सान्निध्य में जैन ध्वज फहराकर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत हुई। आयोजन का उद्देश्य न केवल वंश की गौरवशाली परंपराओं का स्मरण करना है, बल्कि नई पीढ़ी को उनके मूल संदेश और आदर्शों से परिचित कराना भी है।
🔹 आगे प्रस्तुत हैं आयोजन से जुड़ी प्रमुख जानकारियां:
🌸 साध्वी अर्चितगुणाश्रीजी का प्रेरक सान्निध्य भैरूबाग मंदिर में साध्वीजी ने आचार्य रत्नप्रभ सुरीश्वरजी की महिमा का वर्णन करते हुए उनके उपकारों का स्मरण किया।
🚩 जैन ध्वज फहराकर शुभारंभ भैरूबाग तीर्थ और ओसवाल महासंघ ट्रस्ट की ओर से मंदिर प्रांगण में जैन ध्वज फहराया गया, जिससे स्थापना दिवस का विधिवत आरंभ हुआ।
🛕 ओसियां में होगा मुख्य समारोह 23 जुलाई को ओसवाल समाज का मुख्य आयोजन ओसियां तीर्थ में संपन्न होगा, जहां देशभर से समाजबंधु उपस्थित रहेंगे।
📜 ‘ओसियां चलो’ पोस्टर का हुआ विमोचन रविवार को गुलाब नगर मंदिर में ‘ओसियां चलो’ पोस्टर का अनावरण कर समाज को कार्यक्रम की जानकारी दी गई।
🌱 2482 पौधों का रोपण सोमवार को खरतरगच्छ जैन सेवा ट्रस्ट परिसर में 2482 पौधे लगाए जाएंगे, जो पर्यावरण-संवेदनशीलता का प्रतीक बनेंगे।
💬 नेहरू पार्क में होगी विचार गोष्ठी मंगलवार को महावीर भवन, नेहरू पार्क में जैन दर्शन व समाज सेवा विषयक गोष्ठी आयोजित की जाएगी।
🚌 बसों व निजी वाहनों से ओसियां यात्रा समारोह में शामिल होने के लिए समाजबंधु 23 जुलाई को बसों और निजी वाहनों से ओसियां रवाना होंगे।
📨 समाजबंधुओं को भेजा गया निमंत्रण कार्यक्रम के निमित्त समाज के प्रमुखों द्वारा समाजबंधुओं को व्यक्तिगत निमंत्रण भेजा जा रहा है।
📖 ओसवाल वंश का इतिहास साझा ट्रस्टी सोहन मेड़तिया ने स्थापना दिवस से जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों को साझा किया और र|प्रभ मसा की शिक्षाओं पर प्रकाश डाला।
🙏 देव पूजन व नियमों की सीख ओसियां में भगवान महावीर स्वामी व र|प्रभ मसा सहित देव पूजन किया जाएगा और नई पीढ़ी को जैन धर्म के नियमों का पालन करने की प्रेरणा दी जाएगी।
ओसवाल समाज द्वारा आयोजित यह स्थापना सप्ताह न केवल ऐतिहासिक महत्व का आयोजन है, बल्कि सामाजिक एकजुटता, पर्यावरण जागरूकता और धार्मिक मूल्यों के प्रचार-प्रसार का भी जीवंत उदाहरण है। ओसियां में होने वाला मुख्य आयोजन समाज के गौरवशाली इतिहास को पुनः जीवंत करने का सशक्त माध्यम बनेगा।
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