नेमिनाथ मोक्ष कल्याणक और जैन धरोहर दिवस पर आष्टा में श्रद्धा की अनूठी छटा

आष्टा–जैन कनेक्ट संवाददाता | जैन धर्म के इक्कीसवें तीर्थंकर भगवान नेमिनाथ के मोक्ष कल्याणक महोत्सव पर आष्टा नगर भक्ति और उल्लास से सराबोर हो उठा। श्रीचंद्र प्रभु दिगंबर जैन मंदिर गंज सहित नगर के सभी जिनालयों में शांतिधारा, अभिषेक, निर्वाण कांड पाठ और आराधना का विशेष आयोजन हुआ। वहीं, अखिल भारतीय तीर्थ संरक्षणी महासभा द्वारा दिवंगत अध्यक्ष निर्मल कुमार सेठी की पुण्यतिथि को जैन धरोहर दिवस के रूप में मनाकर जैन संस्कृति के संरक्षण का संकल्प दोहराया गया।

🕉️ नेमिनाथ मोक्ष कल्याणक पर भक्ति उत्सव भगवान नेमिनाथ के मोक्ष कल्याणक पर जिनालयों में अभिषेक, शांतिधारा और निर्वाण कांड पाठ के साथ श्रद्धालुओं ने भक्ति रस में डूबकर आराधना की।

🏛️ श्रीचंद्र प्रभु मंदिर में विशेष आयोजन गंज स्थित श्रीचंद्र प्रभु दिगंबर जैन मंदिर में श्रद्धालुओं ने विशेष आरती, अभिषेक और पूजन कर मोक्ष कल्याणक पर्व को दिव्यता प्रदान की।

🪔 सभी जिनालयों में एक जैसी श्रद्धा नगर के प्रत्येक जिनालय में श्रद्धालुजन भक्ति भाव से एकत्र हुए, जिससे समूचे शहर में धार्मिक ऊर्जा और उल्लास का वातावरण बना रहा।

🪷 निर्मल कुमार सेठी को श्रद्धांजलि पूर्व अध्यक्ष निर्मल कुमार सेठी की चतुर्थ पुण्यतिथि को तीर्थ संरक्षणी महासभा ने श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्हें जैन धरोहर दिवस समर्पित किया।

📍 किला मंदिर बना आयोजन स्थल यह आयोजन पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र – किला मंदिर पर आयोजित किया गया, जहाँ समाजजन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

🎉 28 अप्रैल को कुंथुनाथ कल्याणक महोत्सव की तैयारी जैन समाज ने 28 अप्रैल को 17वें तीर्थंकर कुंथुनाथ भगवान के जन्म, तप और मोक्ष कल्याणक पर्व की तैयारियाँ प्रारंभ कर दी हैं।

💧 अभिषेक व शांतिधारा की परंपरा जारी कुंथुनाथ कल्याणक पर भी भगवान का अभिषेक, शांतिधारा और निर्वाण पाठ के साथ श्रद्धालु विशेष पूजा-अर्चना करेंगे।

🍮 मोक्ष फल लाडू अर्पण की रस्म श्रद्धालु कुंथुनाथ भगवान को निर्वाण लाडू अर्पित कर मोक्ष फल प्राप्ति की भावना से आराधना करेंगे।

🧘 ध्यान और आराधना से भक्ति का संचार मोक्ष कल्याणक पर्वों के माध्यम से श्रद्धालुओं ने ध्यान, संयम और त्याग की भावना को आत्मसात किया।

🌼 भविष्य की पीढ़ियों को मिला संदेश आयोजन से युवाओं को जैन संस्कृति, तीर्थों के महत्व और आत्म कल्याण के पथ पर चलने की प्रेरणा मिली।

आष्टा में भगवान नेमिनाथ का मोक्ष कल्याणक और जैन धरोहर दिवस श्रद्धा, भक्ति और संस्कृति संरक्षण का प्रतीक बन गया। समाजजनों ने परंपरा और मूल्यों को जीवंत रखकर आध्यात्मिक चेतना का विस्तार किया।

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