जैन ज्ञान की रक्षा : नैनागिरि में ताड़पत्र से तांबे पर सुरक्षित हो रहे हैं शतखंडागम ग्रंथ

सागर–जैन कनेक्ट संवाददाता | मध्यप्रदेश के सागर ज़िले से लगभग 50 किलोमीटर दूर, छतरपुर के बक्सवाहा ब्लॉक की शांत पहाड़ियों में स्थित नैनागिरि श्रुत मंदिर किसी भगवान की नहीं, बल्कि ज्ञान की पूजा का प्रतीक है। यहां कोई मूर्ति नहीं, बल्कि एक ग्रंथ आराध्य है। ताड़पत्रों पर लिखे प्राचीन जैन शास्त्र अब नष्ट न हों, इसलिए इन्हें तांबे की पट्टियों पर उकेरा जा रहा है—शायद यह विश्व का इकलौता ऐसा जैन मंदिर है, जहां इस रूप में ग्रंथों का संरक्षण किया जा रहा है।

📜ज्ञान की आराधना का मंदिर यह मंदिर किसी मूर्ति को नहीं, बल्कि शतखंडागम जैसे ग्रंथों को आराध्य मानता है और उन्हें संरक्षित करता है।

🌿ताड़पत्र से तांबे की ओर पहले ये ग्रंथ ताड़पत्रों पर कांटे से लिखे जाते थे, अब इन्हें तांबे पर उकेरा जा रहा है ताकि समय इन्हें नष्ट न कर सके।

🔥प्राकृतिक आपदाओं से ग्रंथों की रक्षा दीमक, आग, बाढ़ और समय के प्रभाव से बचाने के लिए यह संरक्षण कार्य आरंभ किया गया।

📖शतखंडागम ग्रंथों का अमर लेखन जैन परंपरा का सबसे प्राचीन ग्रंथ शतखंडागम अब तांबे पर अंकित किया जा चुका है।

🧘‍♂️तीर्थंकर पार्श्वनाथ और आचार्य विद्यासागर की तपोभूमि यह वही भूमि है जहां तीर्थंकर पार्श्वनाथ और आचार्य विद्यासागर का गहन तप हुआ था।

🔍75 किलोग्राम पीतल की पट्टिका श्रुत मंदिर में श्रुत स्कंध यंत्र अंकित एक 75 किलो वजनी पीतल की पट्टिका विराजमान है, जो जैन साहित्य के 2000 वर्षों का इतिहास दर्शाती है।

📚छह खंडों का अंकन शतखंडागम के छहों खंड अब तांबे पर अंकित किए गए हैं और विधिपूर्वक प्रतिष्ठित किए गए हैं।

🧑‍⚖️IAS सुरेश चंद्र जैन और जस्टिस विमल जैन की पहल इस ऐतिहासिक आंदोलन की शुरुआत आईएएस सुरेश चंद्र जैन और उनकी पत्नी जस्टिस विमल जैन ने की।

👳‍♂️शिवानंद महाराज का आशीर्वाद मंदिर के उद्घाटन और कार्य के विस्तार में शिवानंद महाराज का मार्गदर्शन और आशीर्वाद महत्वपूर्ण रहा।

🗓️श्रुत पंचमी पर विशेष अनुष्ठान श्रुत पंचमी के दिन श्रुत स्कंध विधान जैसे महत्वपूर्ण अनुष्ठानों के साथ ग्रंथ प्रतिष्ठा की गई।

यह मंदिर केवल एक स्थापत्य संरचना नहीं, बल्कि ज्ञान, परंपरा और संरक्षण का प्रतीक बन चुका है। जैन धर्म की मूल आत्मा—श्रमण संस्कृति और शास्त्र—को सुरक्षित रखने की यह मौन क्रांति आने वाली पीढ़ियों को न केवल धर्म, बल्कि धरोहर भी सौंपेगी।

( Source : Etv Bharat )

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*