पानीपत–जैन कनेक्ट संवाददाता | श्री 1008 आदिनाथ दिगंबर जैन जिनालय, पानीपत में मुनि श्री 108 विश्वानंद महाराज की 83वीं जन्म जयंती अत्यंत श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाई गई। इस अवसर पर जैन समाज के अनेक श्रद्धालुओं ने भाग लेकर धार्मिक अनुष्ठानों में सहभागिता की। कार्यक्रम में प्रभु अभिषेक, शांतिधारा, भक्ति, नृत्य और विशेष शांति विधान का आयोजन हुआ। साथ ही कोल्हापुर के जैन मठ की प्रिय हथिनी माधुरी को वंतारा (गुजरात) भेजे जाने पर जैन समाज ने एक स्वर में विरोध जताया।
🔹 प्रभु अभिषेक और शांतिधारा से हुआ शुभारंभ 🎉 महोत्सव की शुरुआत प्रभु जिनेंद्र के अभिषेक और शांतिधारा के साथ की गई, जिससे समस्त वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया।
🔹 इंद्र-इंद्राणियों की भावभीनी प्रस्तुति 🕊️ इंद्र-इंद्राणियों ने भक्ति व नृत्य के माध्यम से भगवान की आराधना की, जिसने सभी श्रद्धालुओं का मन मोह लिया।
🔹 मंच संचालन में दिखी दक्षता 🎤 श्री दिगंबर जैन पंचायत के सचिव मनोज जैन ने प्रभावशाली मंच संचालन कर आयोजन को भव्यता प्रदान की।
🔹 मुनि श्री की साधना और समाधि 🪔 समाज अध्यक्ष सुनील जैन ने बताया कि मुनि श्री का जन्म पानीपत में हुआ था और उन्होंने तीर्थराज सम्मेद शिखर में समाधि प्राप्त की।
🔹 कोल्हापुर मठ की शोभा रही हाथिनी माधुरी 🐘 32 वर्षों से माधुरी नामक हथिनी नंदिनी जैन मठ की शोभा बढ़ा रही थी, जो नियमपूर्वक जिनेंद्र भगवान की आराधना करती थी।
🔹 माधुरी को वंतारा भेजने पर विरोध 🚫 ‘जीव दया’ नामक संस्था द्वारा माधुरी को गुजरात के वंतारा भेजने पर समाज में गहरा रोष व्याप्त है।
🔹 हाथिनी के प्रति न्यायालय के निर्णय पर सवाल ⚖️ जैन समाज ने यह प्रश्न उठाया कि 16,000 से अधिक गोशालाएं संचालित करने वाला समाज माधुरी के साथ अत्याचार क्यों करेगा?
🔹 शांति विधान में माधुरी के प्रतीक रूप में एरावत की स्थापना 🕉️ विशेष शांति विधान में एरावत की प्रतिमा स्थापित कर माधुरी की वापसी के लिए सामूहिक प्रार्थना की गई।
🔹 समाज ने जताई गहरी संवेदना 🙏 जैन समाज ने इसे मठ की अस्मिता पर चोट बताया और माधुरी की वापसी की मांग दोहराई।
🔹 समाज के प्रमुख पदाधिकारी रहे उपस्थित 👥 इस अवसर पर उपाध्यक्ष सुरेश कुमार जैन, सचिव मनोज जैन, कोषाध्यक्ष सुशील जैन, जैन स्कूल समिति के अध्यक्ष राजेश जैन एवं उपप्रबंधक दिनेश जैन सहित अन्य गणमान्य जन उपस्थित रहे।
इस धार्मिक और भावनात्मक आयोजन में एक ओर मुनि श्री 108 विश्वानंद महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की गई, वहीं दूसरी ओर माधुरी हथिनी की विदाई को लेकर गहरी चिंता और विरोध भी प्रकट किया गया। पूरे आयोजन में श्रद्धा, शांति और समाज के आत्मबल की झलक देखने को मिली।
Source : Amar Ujala

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