
मुंबई-जैन कनेक्ट संवाददाता | मुंबई में कबूतरों को दाना डालने पर लगी रोक के खिलाफ जैन समाज खुलकर मैदान में उतर आया है। बीएमसी द्वारा दादर कबूतरखाना में तिरपाल डालकर दाना डालने पर पाबंदी लगाने के बाद से जैन समुदाय में नाराज़गी उबाल पर है। जैन मुनि नीलेश चंद्र विजय ने इसे धर्म के खिलाफ कदम बताते हुए 13 अगस्त से भूख हड़ताल की घोषणा की है। उन्होंने साफ कहा है कि जरूरत पड़ी तो जैन समाज हथियार उठाने से भी पीछे नहीं हटेगा।
🕊️ बीएमसी की कार्रवाई – बीएमसी ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद कबूतरों को दाना डालने पर पाबंदी लगाई और दादर कबूतरखाना में तिरपाल डालकर रोक लागू की।
⚖️ हाईकोर्ट का आदेश – बॉम्बे हाईकोर्ट ने दाना डालने पर लगी रोक के खिलाफ याचिका पर कोई राहत नहीं दी, आदेश को बरकरार रखा।
💰 जुर्माना वसूली – बीएमसी अब तक 142 लोगों पर जुर्माना लगाकर 68,700 रुपये वसूल चुकी है।
🙏 धार्मिक भावना का मुद्दा – जैन समाज का कहना है कि कबूतरों को दाना डालना जीव दया और धार्मिक आस्था का हिस्सा है।
🔥 कड़ी चेतावनी – जैन मुनि नीलेश चंद्र विजय ने कहा कि यदि धर्म के खिलाफ फैसले आए तो हथियार उठाने में भी संकोच नहीं करेंगे।
🪧 भूख हड़ताल का ऐलान – 13 अगस्त से 10 लाख जैन बंधु भूख हड़ताल पर बैठने की तैयारी कर रहे हैं।
📜 संविधान का सम्मान, लेकिन… – मुनि ने कहा कि हम संविधान और अदालत का सम्मान करते हैं, लेकिन धर्म के खिलाफ आदेश नहीं मानेंगे।
🏛️ राजनीतिक हलचल – मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सीमित रूप से दाना डालने की अनुमति देने का सुझाव दिया।
🏥 स्वास्थ्य से जुड़ी चिंता – पाबंदी के समर्थकों का कहना है कि कबूतरों से इंसानों को गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
📊 मुंबई के कबूतरखाने – शहर में कुल 51 कबूतरखाने हैं, जिन पर कोर्ट ने रोक लगाकर एक्सपर्ट कमेटी से रिपोर्ट मांगी है।
मुंबई में कबूतर दाना पाबंदी को लेकर धार्मिक आस्था और स्वास्थ्य सुरक्षा के बीच टकराव गहराता जा रहा है। जैन समाज के सख्त रुख के चलते यह विवाद न सिर्फ कानूनी बल्कि राजनीतिक मोर्चे पर भी गर्मा गया है। आने वाले दिनों में भूख हड़ताल और विरोध प्रदर्शन इस मुद्दे को और तूल दे सकते हैं।
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