
मुंबई – जैन कनेक्ट संवाददाता | रिलायंस इंडस्ट्रीज के वाइस प्रेसिडेंट और मुकेश अंबानी के अत्यंत करीबी सहयोगी प्रकाश शाह ने सांसारिक मोह-माया का त्याग करते हुए साधु जीवन अपनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। 75 करोड़ रुपये सालाना वेतन वाली उच्च पदस्थ नौकरी छोड़कर उन्होंने जैन दीक्षा ग्रहण की है। उनका दीक्षा समारोह महावीर जयंती के अवसर पर मुंबई के बोरीवली में संपन्न हुआ।
🔔 75 करोड़ की नौकरी का त्याग प्रकाश शाह रिलायंस इंडस्ट्रीज में वाइस प्रेसिडेंट थे और 75 करोड़ रुपये का सालाना वेतन पाते थे, जिसे छोड़कर उन्होंने संन्यास मार्ग अपनाया।
🧘♂️ महावीर जयंती पर दीक्षा प्रकाश शाह और उनकी पत्नी नैना शाह ने महावीर जयंती पर दीक्षा ली, यह पल उनके जीवन का आध्यात्मिक शिखर बन गया।
👣 नंगे पांव, सफेद वस्त्र, भिक्षा पर जीवन अब वे नंगे पैर चलते हैं, सफेद वस्त्र पहनते हैं और भिक्षा पर जीवन यापन करते हैं — पूरी तरह से जैन साधु जीवन के अनुरूप।
🎓 IIT बॉम्बे से पढ़ाई प्रकाश शाह ने केमिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन और IIT बॉम्बे से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है, उनका शैक्षणिक जीवन भी अनुकरणीय रहा है।
👨👩👦 संपूर्ण परिवार में अध्यात्म की झलक उनके एक बेटे ने पहले ही दीक्षा ले ली थी, जबकि दूसरे बेटे का विवाह हो चुका है और वह एक बच्चे के पिता हैं।
📈 प्रोजेक्ट्स में अहम भूमिका रिलायंस में शाह ने जामनगर पेटकोक गैसिफिकेशन प्रोजेक्ट और पेटकोक मार्केटिंग जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स में मुख्य भूमिका निभाई।
🌐 कोरोना के कारण दीक्षा टली थी शाह लंबे समय से दीक्षा लेना चाहते थे, लेकिन कोरोना महामारी के कारण यह निर्णय कुछ समय के लिए स्थगित करना पड़ा था।
🧾 साधना की ओर बढ़ाया कदम उन्होंने भौतिक सुख-सुविधाओं का त्याग करते हुए मोक्ष मार्ग की ओर पहला बड़ा कदम उठाया है।
🏙️ बोरीवली में हुआ दीक्षा समारोह दीक्षा समारोह मुंबई के बोरीवली में आयोजित हुआ, जिसमें सैकड़ों अनुयायियों और श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
🕊️ प्रेरणा बने प्रकाश शाह प्रकाश शाह का निर्णय आज की पीढ़ी को यह सिखाता है कि आत्मिक शांति, करियर से भी ऊपर हो सकती है।
प्रकाश शाह का जीवन बदलाव और आत्मशुद्धि की मिसाल बन गया है। एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के उच्च पद पर आसीन व्यक्ति का संत जीवन में प्रवेश करना समाज में अध्यात्म और त्याग का अनुपम उदाहरण बन गया है।
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