संत भवन ध्वस्तीकरण के विरोध में जैन समाज की प्रभात फेरी

मेरठ–जैन कनेक्ट संवाददाता | ब्रह्मपुरी स्थित सरस्वती लोक कॉलोनी में जैन समाज के संत भवन को गिराने के आदेशों के खिलाफ बुधवार सुबह एकजुट होकर समाज के सैकड़ों लोगों—महिलाओं, पुरुषों व बच्चों—ने प्रभात फेरी निकाली। उन्होंने इस निर्णय का पुरजोर विरोध करते हुए प्रशासन को चेताया कि यदि किसी असामाजिक व्यक्ति के बहकावे में आकर मेरठ विकास प्राधिकरण ने कोई कार्रवाई की, तो इसका व्यापक विरोध किया जाएगा। प्रदर्शन में शामिल वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि यह भवन केवल एक संरचना नहीं, बल्कि समाज की आस्था का केंद्र है।

📣 संत भवन ध्वस्तीकरण पर विरोध जैन समाज ने संत भवन को गिराने के आदेशों के खिलाफ एकजुट होकर सड़कों पर उतरकर विरोध दर्ज किया।

👨‍👩‍👧‍👦 प्रभात फेरी में महिलाओं और बच्चों की भागीदारी समाज के सभी वर्गों ने—विशेषकर महिलाओं व बच्चों ने—बढ़-चढ़कर भाग लिया।

🛕 संत भवन को बताया आस्था का प्रतीक लोगों ने कहा कि संत भवन केवल ईंट-पत्थर की इमारत नहीं, बल्कि जैन समाज की आत्मा है।

⚖️ प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग सूरजभान सिंघल ने कहा कि एक समाज विरोधी तत्व लगातार द्वेष फैलाने का काम कर रहा है, प्रशासन को ऐसे व्यक्ति पर सख्त कार्यवाही करनी चाहिए।

🤝 अन्य समाजों से भी समर्थन ब्राह्मण समाज के अरविन्द शर्मा ने समर्थन देते हुए कहा कि जैन समाज के लोग भाई हैं और उन्हें दबाव में नहीं आने देंगे।

👴 वरिष्ठ नागरिक समिति का भी विरोध वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति ने इस कार्य के विरुद्ध कड़ा विरोध जताया और साथ खड़े रहने का आश्वासन दिया।

🕉️ ‘सत्य हमेशा अमर होता है’ अग्रबन्धु महामंत्री सतीश बंसल ने कहा कि असत्य की उम्र चाहे जितनी हो, सत्य को मिटाया नहीं जा सकता।

🛡️ ‘संत भवन पर आंच नहीं आने देंगे’ विकास अग्रवाल ने कहा कि संत भवन की रक्षा के लिए समाज किसी भी हद तक जाएगा।

समाज की एकता प्रदर्शित राम लाल, पप्पूराम, सतीश मोहन, नवीन बंसल, सुरेन्द्र सहित दर्जनों लोगों ने उपस्थिति दर्ज कर एकता का परिचय दिया।

⚠️ प्रशासन को चेतावनी प्रदर्शनकारियों ने चेताया कि यदि विकास प्राधिकरण ने आदेश वापस नहीं लिए, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

इस प्रदर्शन ने स्पष्ट संकेत दिया कि जैन समाज किसी भी कीमत पर संत भवन की गरिमा को ठेस नहीं लगने देगा। सभी वर्गों ने एकजुट होकर यह संदेश दिया कि उनकी आस्था और सामाजिक प्रतिष्ठा के साथ कोई समझौता स्वीकार नहीं।

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