मुंबई – जैन कनेक्ट संवाददाता | मुंबई के ऐतिहासिक राजभवन के दरबार हॉल में ‘2550वें भगवान महावीर स्वामी निर्वाणोत्सव’ के अवसर पर आयोजित राज्यस्तरीय निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन और कैबिनेट मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने पुरस्कार प्रदान किए। भगवान महावीर के सिद्धांतों को जनमानस तक पहुँचाने की दिशा में यह आयोजन एक महत्वपूर्ण प्रयास सिद्ध हुआ, जिसमें पूरे राज्य से लाखों विद्यार्थियों ने भाग लिया।
📝 प्रतियोगिता को मिला अभूतपूर्व प्रतिसाद निबंध लेखन प्रतियोगिता में राज्यभर के 16 लाख से अधिक छात्रों ने भाग लिया, जो समाज में महावीर स्वामी के विचारों के प्रति उत्साह को दर्शाता है।
🏛️ राजभवन में हुआ भव्य आयोजन मुंबई के राजभवन स्थित दरबार हॉल में पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित हुआ, जो आयोजन की गरिमा को और बढ़ाता है।
🏆 तीनों विजेताओं को मिला सम्मान छत्रपति संभाजीनगर की आराध्य लोढ़ा, नांदेड़ के अक्षय ढेरे और यवतमाल की शरवरी भोजनकर ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार प्राप्त किए।
🎓 छात्रों के साथ पालक व शिक्षक भी हुए सम्मिलित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षक, पालक और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे, जिससे एक शिक्षाप्रद वातावरण निर्मित हुआ।
🗺️ गुजरात और राजस्थान में भी होगी शुरुआत महाराष्ट्र में सफलता के बाद अब गुजरात और राजस्थान सरकारें भी इस अनोखी प्रतियोगिता को लागू करने की दिशा में अग्रसर हैं।
📬 मुख्यमंत्री ने भेजा सराहना पत्र पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस पहल की सराहना करते हुए एक पत्र भेजा और आयोजकों का उत्साहवर्धन किया।
🕊️ राज्यपाल ने दिया अहिंसा का संदेश राज्यपाल राधाकृष्णन ने कहा कि महावीर स्वामी की शिक्षाओं से प्रेरणा लेकर समाज में शांति और सेवा का मार्ग मजबूत होगा।
🎤 मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने जताया गौरव कैबिनेट मंत्री ने कहा कि राजभवन के दरबार हॉल में आयोजन होना सभी के लिए गौरव की बात है और उन्होंने राज्यपाल का आभार व्यक्त किया।
🤝 सरकारी तंत्र को मिला सम्मान इस पहल के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए नासिक, नागपुर और कोल्हापुर के कलेक्टरों, सीईओ और नगर आयुक्तों को भी सम्मानित किया गया।
📚 कक्षा 5वीं से 7वीं के छात्रों ने जीते लाखों के पुरस्कार कक्षा 5वीं से 7वीं तक के प्रतिभागियों को भी उनकी सहभागिता और लेखन के लिए लाखों रुपये के पुरस्कार प्रदान किए गए।
इस आयोजन ने न केवल बच्चों में लेखन प्रतिभा को प्रोत्साहित किया, बल्कि उन्हें भगवान महावीर के सिद्धांतों जैसे अहिंसा, सत्य और अपरिग्रह से भी जोड़ने का कार्य किया। राज्यस्तरीय इस पहल की सफलता ने यह स्पष्ट कर दिया कि जब शिक्षा और आध्यात्मिकता का संगम होता है, तब सामाजिक बदलाव की नींव मजबूत होती है।

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