दुबई | मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दुबई यात्रा के दूसरे दिन 14 जुलाई को जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (JITO) के शीर्ष पदाधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस उच्चस्तरीय बैठक में दोनों पक्षों के बीच संभावित व्यापारिक सहयोग, संयुक्त उपक्रम, और निवेश के बहुआयामी अवसरों पर गहन चर्चा हुई। बैठक में विशेष रूप से मध्यप्रदेश के औद्योगिक विकास, शिक्षा, सेवा, और वैश्विक जुड़ाव को ध्यान में रखकर रणनीतियाँ तय की गईं।
🔹 नीचे प्रस्तुत हैं इस बैठक के प्रमुख बिंदु:
🌍 जीसीसी देशों के साथ सहयोग की संभावना मुख्यमंत्री ने जीसीसी क्षेत्र, विशेषकर दुबई में जैन व्यापारिक समुदाय के साथ व्यापारिक अवसरों की खोज और संयुक्त पहलों पर चर्चा की।
🏢 एमपी-जेटो निवेश फोरम का प्रस्ताव बैठक में ‘एमपी-जेटो इन्वेस्टमेंट फोरम’ की स्थापना का प्रस्ताव रखा गया जो लॉजिस्टिक्स, फूड प्रोसेसिंग, सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रिक वाहन परियोजनाओं को बढ़ावा देगा।
📦 लॉजिस्टिक्स नीति के लाभ मध्यप्रदेश की नई लॉजिस्टिक्स नीति अधोसंरचना डेवेलपर्स और निर्यातकों दोनों को प्रोत्साहन प्रदान करती है, जिसे दुबई में प्रस्तुत किया गया।
🎓 कौशल विकास में अंतरराष्ट्रीय सहयोग दुबई के कौशल विकास संस्थानों और एमपी के ग्लोबल स्किल पार्क के बीच प्रशिक्षण साझेदारी की योजना पर विचार हुआ।
🌾 कृषि उत्पादों का वैश्विक प्रचार ‘वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट’ योजना के तहत दालें, तिलहन और प्रोसेस्ड फूड को दुबई के बाजारों में पहुंचाने की रणनीति बनी।
🧵 टेक्सटाइल मिलों की स्थापना का सुझाव भीलवाड़ा एनर्जी ग्रुप जैसी कंपनियों के साथ मिलकर मध्यप्रदेश में ग्रीनफील्ड टेक्सटाइल मिलें स्थापित करने पर चर्चा हुई।
🥗 फूड पार्क के लिए संयुक्त सहयोग बसई, उज्जैन और मंदसौर में फूड पार्क्स के लिए दुबई की टेक्सटाइल कंपनियों के साथ साझेदारी की बात सामने आई।
🔋 स्वच्छ ऊर्जा में निवेश का अवसर दुबई की क्लीनटेक कंपनियों को मध्यप्रदेश की नवीकरणीय ऊर्जा नीति के तहत पायलट प्रोजेक्ट्स हेतु आमंत्रित करने का सुझाव दिया गया।
🤝 रणनीतिक भागीदारी और एमओयू बैठक में उच्चस्तरीय अतिथियों को आमंत्रित कर यूएई-केंद्रित व्यापार रणनीतियों और अफ्रीका आधारित अवसरों पर सत्र आयोजित करने का प्रस्ताव रखा गया।
🌐 वैश्विक निवेश मंच के रूप में एमपी प्रवासी जैन उद्यमियों की मदद से मध्यप्रदेश को एक निवेश-अनुकूल और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़ा हुआ राज्य के रूप में प्रस्तुत करने की दिशा में यह बैठक सहायक रही।
यह बैठक मध्यप्रदेश सरकार और वैश्विक जैन समुदाय के बीच बढ़ते हुए संबंधों की एक मजबूत कड़ी के रूप में उभरी। इससे राज्य को निवेश, रोजगार और वैश्विक साझेदारी के नए द्वार खुलेंगे। जेटो जैसे संगठनों के साथ इस तरह की पहलें भारत के राज्यों को वैश्विक मंचों पर सशक्त रूप से स्थापित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

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