
नई दिल्ली – जैन कनेक्ट संवाददाता | दिल्ली न्यायिक सेवा की एक सशक्त और निर्भीक अधिकारी, मधु जैन को दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति के रूप में नियुक्त किया गया है। 1992 से न्यायिक सेवा में कार्यरत मधु जैन ने अपने तीन दशकों के करियर में कई संवेदनशील और जटिल मामलों की सुनवाई की है। उनकी नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत की गई है। वर्तमान में वे तीस हजारी कोर्ट की प्रमुख जिला एवं सत्र न्यायाधीश थीं।
नीचे प्रस्तुत हैं मधु जैन की न्यायिक यात्रा से जुड़ी प्रमुख बातें:
🎓 सशक्त शैक्षणिक पृष्ठभूमि मधु जैन का जन्म 18 नवंबर 1966 को हुआ। उन्होंने दौलत राम कॉलेज से जूलॉजी में ऑनर्स किया और फिर कैंपस लॉ सेंटर से 1991 में एलएलबी तथा 2000 में एलएलएम की डिग्री प्राप्त की।
⚖️ 1992 में न्यायिक सेवा में प्रवेशकानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने दिल्ली न्यायिक सेवा में प्रवेश किया और विभिन्न स्तरों पर उल्लेखनीय कार्य किया।
📈 2003 में उच्च न्यायिक सेवा में पदोन्नतिअपने समर्पित कार्य के चलते उन्हें 2003 में दिल्ली उच्च न्यायिक सेवा में पदोन्नत किया गया।
🏛️ दिल्ली की प्रमुख अदालतों में कार्य
तीन दशकों के करियर में मधु जैन ने राजधानी की लगभग सभी प्रमुख अदालतों में विभिन्न पदों पर कार्य किया है।
🔍 संवेदनशील और जटिल मामलों में निपुणताहत्या, दुष्कर्म, जमानत और विशेष अधिनियमों से जुड़े कई जटिल मामलों में उन्होंने निष्पक्ष एवं विवेकपूर्ण निर्णय दिए हैं।
🧾 हत्या मामले में ट्रायल ट्रांसफर याचिका खारिज (2025)एक चर्चित हत्या मामले में साक्ष्य के अभाव में ट्रायल ट्रांसफर की याचिका को खारिज करते हुए उन्होंने आदेश में लिखा – यह देरी की रणनीति है।
🚔 पुलिस अधिकारियों को बार-बार तलब करने पर नाराजगी (2023)एक मामले में SHO को 300 बार से अधिक तलब करने पर उन्होंने नाराजगी जताई और न्यायिक प्रक्रिया के दुरुपयोग पर चेतावनी दी।
🧑⚖️ दुष्कर्म मामले में निचली अदालत का आदेश रद्द (2024)निचली अदालत द्वारा बिना ठोस कारण के लिए गए संज्ञान को रद्द करते हुए, उन्होंने पुनः विवेचना और न्यायसंगत निर्णय का निर्देश दिया।
📚 तीस हजारी कोर्ट में प्रमुख भूमिकान्युक्ति से पूर्व वे तीस हजारी कोर्ट की पश्चिमी जिला की प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर कार्यरत थीं।
👩⚖️ अब दिल्ली हाई कोर्ट में न्यायमूर्तिउनकी नियुक्ति के बाद दिल्ली हाई कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या 46 हो गई है, जबकि स्वीकृत पद 60 हैं।
मधु जैन की यह नियुक्ति न्यायपालिका के लिए एक नई ऊर्जा और सशक्त नेतृत्व की प्रतीक है। तीन दशकों के उनके अनुभव, निष्पक्षता और विधिक दृष्टिकोण से निश्चित रूप से दिल्ली उच्च न्यायालय को मजबूती मिलेगी।
Leave a Reply