
रोहतक – जैन कनेक्ट संवाददाता | जनता कॉलोनी स्थित जैन स्थानक इन दिनों उल्लास और आध्यात्मिक उमंग से सराबोर है। यहां लब्धि जैन के दीक्षा महोत्सव की तैयारियां चरम पर हैं। इस खास अवसर पर लब्धि अपनी बड़ी बहन महाप्रज्ञा महाराज की शिष्या बनेंगी और सांसारिक मोह-माया का त्याग कर वैराग्य की राह पर अग्रसर होंगी। दीक्षा से पहले की रस्मों में जैन समाज का सक्रिय योगदान देखने को मिल रहा है।
🟠 प्रस्तुत हैं दीक्षा महोत्सव की प्रमुख झलकियां :
🌟 दीक्षा का विशेष अवसर लब्धि जैन अपनी बड़ी बहन महाप्रज्ञा महाराज की शिष्या बनकर आत्मिक यात्रा पर निकलेंगी।
🏛️ जैन स्थानक में उत्सव का माहौल जनता कॉलोनी स्थित जैन स्थानक में दीक्षा महोत्सव के चलते आध्यात्मिक रौनक छाई हुई है।
👩🎨 महिलाओं की विशेष भागीदारी समाज की महिलाएं दीक्षा महोत्सव के लिए लब्धि के परिधान खुद अपने हाथों से तैयार कर रही हैं।
🧡 केसर से रंगे परिधान की तैयारी परंपरागत विधि से केसर घोटकर कपड़े रंगे जा रहे हैं, जिनसे लब्धि का दीक्षा परिधान बनाया जा रहा है।
🎉 पारंपरिक रस्मों का आयोजन हल्दी, मेहंदी, केसर व बान जैसी रस्में बीते कुछ दिनों से धूमधाम से निभाई जा रही हैं।
🧘 संत-परंपरा का पालन दीक्षा के बाद लब्धि संतों की तरह जीवन जीएंगी — तख्त पर सोएंगी और भिक्षा से आहार लेंगी।
🙏 दर्शन और आशीर्वाद की धारा स्थानक में प्रतिदिन श्रद्धालु लब्धि के दर्शन और आशीर्वाद देने के लिए आ रहे हैं।
🤝 समाज की सक्रिय भागीदारी जैन समाज के सभी वर्ग उत्साहपूर्वक दीक्षा महोत्सव में भाग ले रहे हैं और सेवा कर रहे हैं।
🚫 वैराग्य की ओर पहला कदम दीक्षा दिवस पर लब्धि भौतिक वस्तुओं का त्याग करेंगी और वैराग्य धारण करेंगी।
🌱 सादा जीवन की शुरुआत दीक्षा के साथ ही लब्धि एक संत की तरह सादा जीवन अपनाएंगी, आत्म साधना में लीन रहेंगी।
दीक्षा महोत्सव के इस पावन अवसर ने न केवल लब्धि जैन के जीवन को एक नई दिशा दी है, बल्कि पूरे जैन समाज को भी आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया है। यह अवसर समाज के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत बन गया है।
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