रोहतक – जैन कनेक्ट संवाददाता | जनता कॉलोनी, रोहतक में बुधवार को एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक क्षण का आरंभ हुआ, जब एसएस जैन सभा की ओर से जैन भागवती दीक्षा समारोह की शुरुआत केसर रस्म से की गई। साध्वी बनने जा रहीं लब्धि जैन की वैराग्य यात्रा के पहले चरण में वैरागन महिलाओं ने केसर का तिलक लगाकर, साधु-वेश के वस्त्रों पर केसर अर्पित करते हुए मंगलाचरण किया। यह दीक्षा उत्सव जैन समाज की आध्यात्मिक परंपराओं का जीवंत उदाहरण बना हुआ है।
दीक्षा से पूर्व 4 जून तक रोजाना बान की रस्में निभाई जाएंगी। इसके बाद 5 जून को भव्यातिभव्य दीक्षा महोत्सव आयोजित होगा, जिसमें शोभा यात्रा, तिलक व कलश यात्रा की भव्य झलक देखने को मिलेगी।
🔹 यहां प्रस्तुत हैं इस भावनात्मक आयोजन से जुड़े प्रमुख बिंदु:
🌸 केसर रस्म से हुई दीक्षा महोत्सव की शुरुआत जनता कॉलोनी में साध्वी बनने जा रहीं लब्धि जैन की केसर रस्म की शुरुआत भक्तिभाव से हुई। वैरागन महिलाओं ने तिलक कर मंगलकामना की।
🌼 साधु-संतों से लिया आशीर्वाद लब्धि जैन ने साधु-संतों से आशीर्वाद प्राप्त कर अपनी दीक्षा यात्रा का पहला पवित्र कदम बढ़ाया। भक्तों को केसर का प्रसाद भी वितरित किया गया।
💃 मेहंदी रस्म व सांस्कृतिक कार्यक्रम 4 जून को 4 जून को दोपहर 2 बजे मेहंदी रस्म होगी। इसमें मेंहदी प्रतियोगिता के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे।
🪔 भव्यातिभव्य दीक्षा महोत्सव 5 जून को 5 जून को रस्म तिलक, भव्य कलश यात्रा और शोभा यात्रा के साथ लब्धि जैन आध्यात्मिक जीवन की ओर कदम बढ़ाएंगी।
👩👧 मां सेंजल ने बेटी को साध्वी वेश में सजाया लब्धि की मां सेंजल ने बेटी को अपने हाथों से साध्वी वेश पहनाया। भावुक होकर उन्होंने कहा— “आज गर्व है कि बेटी धर्म के मार्ग पर अग्रसर है।”
🌿 बचपन से थी वैराग्य की भावना लब्धि की मां के अनुसार, यह निर्णय लब्धि की बचपन से ही आकांक्षा रही है। वह हमेशा साध्वी बनने का सपना देखती थी।
🙏 दीक्षा के बाद बेटी नहीं, भगवान का रूप सेंजल ने कहा— “जब कोई साध्वी बनता है, तब वह परिवार के लिए बेटी नहीं रह जाती, वह भगवान का स्वरूप होती है।”
🧡 धर्म के माता-पिता बने विवेक-अंकिता जैन लब्धि की केसर रस्म उनके धर्म माता-पिता विवेक और अंकिता जैन के घर पर हुई। उन्होंने विशेष रूप से कश्मीरी केसर और गुलाब से लेप तैयार किया।
🏡 केसर का छिड़काव, वस्त्रों पर अमिट निशान लब्धि ने पूरे घर में केसर का छिड़काव किया। धर्ममाता अंकिता ने कहा कि जिन वस्त्रों पर केसर लगे हैं, उन्हें जीवन भर सहेज कर रखा जाएगा।
👨👩👧👦 भरा-पूरा परिवार, बड़ी बहन भी साध्वी लब्धि का परिवार बड़ा और सुसंस्कारित है। उनकी बड़ी बहन ज्योतिष मार्तण्ड साध्वी डॉ. महाप्रज्ञ पहले ही साध्वी बन चुकी हैं।
यह आयोजन न केवल जैन समाज की आध्यात्मिक विरासत को सजीव करता है, बल्कि भावनात्मक रूप से जुड़ा वह क्षण भी है, जब एक परिवार अपनी बेटी को मोक्ष की दिशा में बढ़ते हुए देखता है। लब्धि जैन की दीक्षा यात्रा एक प्रेरणादायक अध्याय बनकर उभर रही है।

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