लब्धि जैन की ‘बान’ की रस्म संपन्न : वैराग्य मार्ग की ओर एक और कदम

रोहतक – जैन कनेक्ट संवाददाता | जनता कॉलोनी स्थित जैन स्थानक में दीक्षा महोत्सव की श्रृंखला में शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण और भावुक क्षण तब सामने आया जब बालिका लब्धि जैन की ‘बान की रस्म’ पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ निभाई गई। मंगल गीतों की गूंज, संतों के मार्गदर्शन और समाज की उपस्थिति ने इस अवसर को अत्यंत शुभ और आध्यात्मिक बना दिया। यह रस्म दीक्षा से पूर्व की एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जो संयम मार्ग की ओर पहला सामाजिक संकेत होता है।

👇 दीक्षा महोत्सव से जुड़ी प्रमुख बातें:

🎶 महिलाओं ने गाए मंगल गीत महिलाओं ने पारंपरिक मंगल गीत गाते हुए पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया।

🌸 पूर्व प्रधान संजय जैन ने दी ‘बान’ जैन समाज के पूर्व प्रधान संजय जैन ने लब्धि को ‘बान’ देकर रस्म की शुरुआत की।

🏡 घर पर निभाई गई रस्म लब्धि जैन के घर पर पारंपरिक रीति से बान की रस्म अदा की गई।

💃 गीत-संगीत और नृत्य से खुशी जाहिर महिलाओं ने नाच-गाकर इस आध्यात्मिक क्षण को हर्षोल्लास से मनाया।

🧘 वैराग्य पर साध्वी का प्रेरक प्रवचन साध्वी ने कहा कि संयम और इंद्रिय निग्रह से ही जीवन सार्थक बनता है।

🌿 संयम मार्ग को बताया आत्मा का उत्थान दीक्षा को आत्मा की उन्नति का मार्ग बताते हुए जबरन न थोपे जाने की बात कही गई।

🌟 लब्धि का वैराग्य बचपन से प्रकट वर्ष 2014 में मात्र छह वर्ष की उम्र में लब्धि में वैराग्य के बीज अंकुरित हुए।

🚶‍♀️ पैदल विहार और त्याग की परीक्षा लब्धि को संयम जीवन के लिए पैदल विहार और त्याग की कसौटी पर परखा गया।

👨‍👩‍👧 परिवार की सहमति से दीक्षा का निर्णय परिवार की पूर्ण सहमति और सहयोग से यह निर्णय संभव हुआ।

🕊️ हजारों में एक हैं लब्धि लब्धि उन विरलों में से एक हैं जो बचपन में ही वैराग्य मार्ग पर चलने को तैयार होती हैं।

लब्धि जैन का संयम जीवन की ओर पहला कदम न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे समाज के लिए गौरव का विषय है। यह दीक्षा महोत्सव समर्पण, त्याग और आत्मिक जागृति का प्रतीक बन गया है।

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