राजकोट–जैन कनेक्ट संवाददाता | राजकोट में शुक्रवार, 9 मई को प्रहलाद प्लॉट स्थित जैन विशश्रीमाली समाज की वाड़ी में एक भव्य जीवदया सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस आयोजन का नेतृत्व परम पूज्य आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय तीर्थभद्र सूरीश्वरजी ने किया। करुणा फाउंडेशन ट्रस्ट एनिमल हेल्पलाइन द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र की प्रमुख गौशालाओं के प्रतिनिधि, सेवा संगठनों के प्रशासक, जीवनप्रेमी कार्यकर्ता और अनेक दानदाता शामिल हुए।
🐄 करुणा फाउंडेशन ट्रस्ट की पहल यह सम्मेलन देश के सबसे बड़े नि:शुल्क पशु उपचार संगठन — करुणा फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा आयोजित किया गया।
🧘♂️ आचार्य भगवंत का प्रेरणादायी नेतृत्व सम्मेलन की अध्यक्षता परम पूज्य आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय तीर्थभद्र सूरीश्वरजी ने की, जिन्होंने जीवदया को धर्म का मूल बताया।
📍 राजकोट बना दया धर्म का केंद्र कार्यक्रम जैन विशश्रीमाली समाज की वाड़ी, प्रहलाद प्लॉट, कैनाल रोड, राजकोट में आयोजित हुआ।
🫱 वर्धमान युवा समूह का सहयोग इस आयोजन में वर्धमान युवा समूह, राजकोट का विशेष योगदान रहा, जिन्होंने आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाई।
🏅 जीवदया के क्षेत्र में राष्ट्रीय मान्यता करुणा फाउंडेशन ट्रस्ट को भारत सरकार द्वारा जीवदया का सर्वोच्च सम्मान प्राप्त है।
📋 पशु-सेवा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा पैनल चर्चा में मानवीय उपचार, चुनौतियां, समाधान और भविष्य की रणनीतियों पर विचार प्रस्तुत किए गए।
👥 गौशालाओं के प्रबंधक हुए शामिल सौराष्ट्र-कच्छ की विभिन्न गौशालाओं के प्रबंधकों ने सम्मेलन में भाग लेकर अपने अनुभव साझा किए।
💬 सेवा संगठनों और दानदाताओं की भागीदारी अनेक सामाजिक कार्यकर्ता और दानदाता सम्मेलन में उपस्थित होकर दया धर्म की भावना को बल प्रदान किया।
🤝 आयोजन टीम की सराहनीय भूमिका मितल खेतानी, प्रतीक संघानी, धीरेंद्र कनाबार सहित कई कार्यकर्ताओं ने आयोजन को सफल बनाने में अथक मेहनत की।
📢 भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा सम्मेलन के अंत में पशु-सेवा को लेकर भावी कार्ययोजनाओं पर भी रूपरेखा प्रस्तुत की गई।
इस सम्मेलन ने जैन दर्शन की मूल भावना ‘जीवदया’ को समाज के समक्ष प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत किया। यह आयोजन पशु-पक्षियों के कल्याण और मानवता के संदेश को आगे बढ़ाने की दिशा में एक प्रेरणास्रोत बनकर उभरा।

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