ह्यूस्टन-जैन कनेक्ट संवाददाता | जैन विश्व भारती ह्यूस्टन (JVB) ने अपनी स्थापना के 25 वर्षों के अवसर पर रविवार को ‘प्रेम और वैराग्य की अमर कहानी’ नामक भव्य नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से आध्यात्मिक प्रेम, आत्मानुशासन और वैराग्य के संदेश को जीवंत कर दिया। यह अद्भुत कार्यक्रम ह्यूस्टन के स्टैफोर्ड सेंटर में आयोजित किया गया, जहाँ 750 दर्शकों से खचाखच भरे सभागृह में यह मंचन हुआ। यह प्रस्तुति दर्शकों के दिलों को छू गई और पूरे आयोजन की भव्यता ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
🔶 25 वर्षों की साधना का उत्सव JVB ह्यूस्टन के 25 वर्षों की यात्रा को श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। प्रेक्षा ध्यान केंद्र की यह रजत जयंती, समाज सेवा और आध्यात्मिकता के प्रति निरंतर समर्पण का प्रतीक बनी।
🧘 चार विशेष समणियों की उपस्थिति इस खास मौके पर ऑरलैंडो और न्यू जर्सी से विशेष रूप से पधारी चार समणियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और भी गरिमामय बना दिया।
🎭 ‘प्रेम और वैराग्य की अमर कहानी’ का मंचन प्राचीन मगध की पृष्ठभूमि पर आधारित इस नाटक में स्थूलभद्र और रूपकोशा की गाथा को अद्भुत अभिनय, भावनात्मक संवाद और भव्य मंच सज्जा के साथ प्रस्तुत किया गया।
🎨 12 दृश्य परिवर्तनों और उच्च तकनीकी संयोजन प्रदर्शनी में 12 अलग-अलग दृश्यों, सजीव प्रकाश संयोजन, ध्वनि प्रभाव, और वीडियो तकनीकों का अत्यंत प्रभावशाली समावेश किया गया।
🎤 मंच पर भावपूर्ण संवाद स्थूलभद्र की भूमिका निभा रहे मनीष चिंदालिया और रूपकोशा की भूमिका में एकता पोपट ने अपने अभिनय और “शुद्ध हिंदी” संवादों से दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
🪔 समर्पण का प्रतीक बनी तैयारी कलाकारों ने नाटक की तैयारी के लिए पाँच महीने तक अभ्यास किया। कुछ कलाकारों ने अपने पात्रों में समर्पण दिखाते हुए सिर तक मुंडवा लिए।
💃 कथक शैली में अद्वितीय नृत्य प्रसिद्ध कथक गुरु एकता पोपट द्वारा कोरियोग्राफ किए गए नृत्य अंशों ने दृश्यात्मकता और भावों में गहराई ला दी।
🎥 25 वर्षों का वृत्तचित्र कार्यक्रम की शुरुआत एक वृत्तचित्र से हुई, जिसमें JVB ह्यूस्टन की स्थापना से लेकर अब तक की सामाजिक और आध्यात्मिक यात्रा को दर्शाया गया।
🙏 संस्थापक स्वातंत्र्य जैन का आभार संस्थापक स्वातंत्र्य जैन ने अपने संबोधन में सभी दाताओं, स्वयंसेवकों और कलाकारों का धन्यवाद व्यक्त किया, जिन्होंने इस केंद्र को एक आध्यात्मिक धरोहर बनाया।
🍽️ भव्य रात्रि भोज के साथ समापन नाटक के पश्चात सभी दर्शकों और प्रतिभागियों के लिए एक विशेष रात्रि भोज आयोजित किया गया, जिसे ‘इंडियन समर’ द्वारा परोसा गया।
यह नाटक न केवल एक सांस्कृतिक प्रस्तुति थी, बल्कि आत्मनियंत्रण, त्याग और मोक्ष की ओर जाने वाले मार्ग की एक प्रेरणादायक झलक भी थी। दर्शकों ने इसे अत्यंत आध्यात्मिक, प्रेरणादायी और भावनात्मक रूप से गहराई से जुड़ने वाला अनुभव बताया। जैन विश्व भारती ह्यूस्टन ने इस आयोजन के माध्यम से एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि वह न केवल सांस्कृतिक, बल्कि आध्यात्मिक समृद्धि का भी एक सशक्त केंद्र है।

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