पाली-जैन कनेक्ट संवाददाता | पाली शहर के महावीर नगर स्थित श्री मरुधर केसरी स्वाध्याय भवन में जैन युवा संगठन द्वारा आयोजित दो दिवसीय ‘जैन ट्रेड फेयर’ का समापन रविवार को उत्साह और उल्लास के साथ हुआ। मेले का उद्घाटन शनिवार सुबह संकलेचा परिवार के मूलचंद, मदनलाल और मघराज संकलेचा द्वारा किया गया। पहले ही दिन से मेले में भारी भीड़ उमड़ने लगी, जिससे महिलाओं द्वारा लगाए गए स्टॉल्स पर रौनक छा गई और उनके चेहरों पर प्रसन्नता झलकने लगी।
यह मेला जैन समाज की महिला और पुरुष उद्यमियों को प्रोत्साहन देने और उनके उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने की मंशा से आयोजित किया गया था। दो दिन चले इस आयोजन में शहरवासियों ने जमकर खरीदारी की और आयोजकों की व्यवस्था की सराहना की।
👩🎨 महिलाओं का आत्मनिर्भरता की ओर कदम मेले में 72 स्टॉल्स में से अधिकतर महिलाओं द्वारा लगाए गए, जो घरेलू स्तर पर छोटे-छोटे उद्योग चला रही हैं।
🛍️ पहले दिन से उमड़ा खरीदारों का सैलाब उद्घाटन के साथ ही मेला लोगों से गुलजार हो गया, जिससे स्टॉल धारकों का उत्साह दोगुना हो गया।
🎁 विविध उत्पादों का आकर्षण पर्स, कपड़े, हर्बल प्रोडक्ट्स, ज्वैलरी, चॉकलेट, फूड आइटम्स सहित दर्जनों किस्म के उत्पादों ने ग्राहकों को खूब लुभाया।
🏠 खास आकर्षण बना होममेड उत्पाद होममेड चॉकलेट्स, पापड़-खाखरा, मसाले, चूर्ण-मुखवास ने ग्राहकों का विशेष ध्यान खींचा।
🧑🤝🧑 जैन युवा संगठन की सशक्त पहल आयोजक पुनीत कोका व हितेंद्र बाफना ने बताया कि समाज के छोटे उद्यमियों को मंच देना ही इस मेले का उद्देश्य था।
💪 महिलाओं में दिखा आत्मविश्वास अपने उत्पादों को बाजार में देख पाने और अच्छे रिस्पॉन्स से महिलाओं में आत्मनिर्भरता की भावना मजबूत हुई।
👮♂️ व्यवस्था में रहा अनुशासन और सहयोग मेला प्रबंधन में संकलेचा परिवार समेत अशोक तलेसरा, हेमंत नाहर, अनिल छाजेड़, नरेश मेहता सहित कई कार्यकर्ता सक्रिय रहे।
🎉 खरीदारी के साथ मनोरंजन का संगम स्टॉल्स के अलावा बच्चों और युवाओं के लिए मनोरंजन की भी व्यवस्था की गई थी, जिससे पूरा परिवार मेले का आनंद ले सका।
🌿 स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा
ट्रेड फेयर ने स्थानीय निर्मित वस्तुओं को नई पहचान देने का कार्य किया।
📢 समाज में सकारात्मक संदेश
यह मेला इस बात का प्रतीक बना कि आत्मनिर्भर भारत की कल्पना समाज के हर वर्ग की भागीदारी से ही साकार हो सकती है।
इस दो दिवसीय आयोजन ने न सिर्फ महिला सशक्तिकरण को बल दिया बल्कि समाज में छोटे उद्यमों को बाजार से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में अपनी छाप छोड़ी। जैन समाज की इस सकारात्मक पहल की शहरवासियों ने दिल खोलकर सराहना की।

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