पटना- जैन कनेक्ट संवाददाता | स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत बिहार में जैन तीर्थंकर सर्किट का निर्माण होने जा रहा है। वैशाली, आरा, पटना, राजगीर, पावापुरी और चंपापुरी जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों को इस योजना से जोड़ा जाएगा। कुल 33.96 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाले इस सर्किट से न केवल जैन धर्मावलंबियों को सुविधा मिलेगी, बल्कि धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
🛕 वैशाली में भगवान महावीर का जन्मस्थल जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म वैशाली में हुआ था, जिसे विशेष रूप से इस सर्किट में शामिल किया गया है।
🏛️ आरा के प्राचीन स्थल आरा में जैन धर्म से जुड़े कई प्राचीन और ऐतिहासिक स्थलों का विकास किया जाएगा।
🏯 पटना के जैन धरोहर पटना के ऐतिहासिक स्थलों और जैन धर्म से जुड़े स्थानों को सर्किट में शामिल कर पर्यटन को नया आयाम मिलेगा।
⛰️ राजगीर की तपोभूमि राजगीर को कई जैन तीर्थंकरों की तपोभूमि माना जाता है, जहां धार्मिक महत्व को और सशक्त किया जाएगा।
🌸 पावापुरी का निर्वाण स्थल पावापुरी, भगवान महावीर का निर्वाण स्थल है और यह जैन धर्मावलंबियों के लिए अत्यंत पवित्र स्थान है।
🙏 चंपापुरी की पंच कल्याणक भूमि जैन धर्म के 12वें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य की पंच कल्याणक भूमि चंपापुरी को विशेष महत्व दिया गया है।
📜 ऐतिहासिक महत्व का केंद्र चंपापुरी एकमात्र ऐसा स्थल है, जहां तीर्थंकर के पांचों कल्याणक (गर्भ, जन्म, दीक्षा, ज्ञान और मोक्ष) संपन्न हुए।
🏞️ सांसद की पहल सांसद अजय कुमार मंडल ने भागलपुर समेत जैन मंदिरों को राष्ट्रीय पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग संसद में रखी।
💰 परियोजना की लागत इस तीर्थंकर सर्किट परियोजना पर कुल 33.96 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
🏗️ अन्य स्वीकृत योजनाएं बिहार में पर्यटन विकास हेतु कई योजनाओं को स्वीकृति मिली है, जिनमें पटना साहिब, अंबिका भवानी मंदिर और बोधगया परियोजना शामिल हैं।
बिहार में बनने वाला जैन तीर्थंकर सर्किट धार्मिक पर्यटन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा। यह न केवल श्रद्धालुओं को आस्था से जोड़ने का कार्य करेगा, बल्कि राज्य के सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा।
Source : Prabhat Khabar

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