कांग्रेस ने उठाए महाराष्ट्र सरकार पर गंभीर सवाल

मुंबई – जैन कनेक्ट संवाददाता | विलेपार्ले स्थित जैन मंदिर को तोड़े जाने के बाद राजनीतिक और धार्मिक हलकों में उथल-पुथल मच गई है। महाराष्ट्र प्रदेश काँग्रेस कमिटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाळ ने इस मुद्दे को लेकर भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि मंदिर तोड़े जाने की कार्रवाई से जैन समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। सपकाळ ने मौके पर पहुँचकर स्थानीय जैन समाज के लोगों से मुलाकात की और समूचे घटनाक्रम की जानकारी ली।

🛕 जैन मंदिर को तोड़े जाने पर नाराज़गी सपकाळ ने आरोप लगाया कि विलेपार्ले के जैन मंदिर को तोड़ने से जैन समाज की भावनाओं को ठेस पहुँची है, और यह सरकार की असंवेदनशीलता का उदाहरण है।

🧑‍⚖️ न्यायालय की रोक के बावजूद कार्रवाई उन्होंने बताया कि जब कोर्ट ने मंदिर तोड़ने पर रोक लगाई थी, तब भी बीएमसी अधिकारियों ने कार्रवाई कर मंदिर ढहा दिया, जो शासन की असफलता दर्शाता है।

🛑 सरकार की चुप्पी पर सवाल सपकाळ ने कहा कि मंदिरों पर हो रही कार्रवाई पर राज्य सरकार की चुप्पी शर्मनाक है, यह दर्शाता है कि वह जनता की धार्मिक भावनाओं को नजरअंदाज कर रही है।

🧘 पूजा के दौरान मूर्तियां हटाई गईं सपकाळ ने बताया कि जब श्रद्धालु मंदिर में पूजा कर रहे थे, तभी कुछ तथाकथित महाराजों को लाकर मूर्तियाँ हटाई गईं, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इस दौरान कुछ मूर्तियों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया, जो धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला कृत्य है।

🤔 सरकार की मंशा पर सवाल उन्होंने पूछा कि क्या सरकार धार्मिक स्थलों पर सुनियोजित तरीके से कार्रवाई कर रही है? क्या यह एक संस्कृति को खत्म करने की योजना का हिस्सा है?

🚨 संवेदनशील मामला, पर सरकार निष्क्रिय इतना गंभीर मामला होने के बावजूद राज्य सरकार ने कोई कड़ा कदम नहीं उठाया, जिससे समाज में असंतोष बढ़ा है।

🗣️ कांग्रेस ने किया विरोध प्रदर्शन सपकाळ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस घटना की कड़ी निंदा करती है और इस तरह के धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।

📍 वरिष्ठ नेताओं का दौरा सपकाळ के साथ विजय वडेट्टीवार, नसीम खान, अभय छाजेड, ब्रिज दत्त, श्रीरंग बर्गे, विश्वजीत हाप्पे, आनंद सिंह, श्रीकृष्ण सांगळे जैसे वरिष्ठ नेता भी मंदिर स्थल पर मौजूद थे।

घटना ने राज्य की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है और धार्मिक भावनाओं से जुड़े इस संवेदनशील मामले में आने वाले दिनों में सरकार पर दबाव और बढ़ सकता है। कांग्रेस ने जहां सरकार से जवाब माँगा है, वहीं जैन समाज अभी भी न्याय की उम्मीद में है।

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