नैनवां-जहाजपुर में जैन शिक्षकों की पहली कॉन्फ्रेंस संपन्न

नैनवां-जैन कनेक्ट संवाददाता | राजस्थान के प्रसिद्ध स्वस्तिधाम दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र, नैनवां-जहाजपुर में जैन शिक्षकों की ऐतिहासिक पहली कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ। देशभर के शिक्षकों, व्याख्याताओं, उपप्रधानाचार्यों, कॉलेज प्रिंसिपलों और प्रोफेसरों की गरिमामयी उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को विशेष बना दिया। आयोजन गणिनी आर्यिका स्वस्ति भूषण माताजी के सान्निध्य में संपन्न हुआ।

कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य जैन धर्म के वैज्ञानिक सिद्धांतों को नई पीढ़ी तक पहुंचाना, शिक्षा क्षेत्र में जैन मूल्यों को आत्मसात करना, और नैतिक शिक्षा के माध्यम से समाज को जागरूक करना रहा। कार्यक्रम में कई जानी-मानी शिक्षाविदों ने अपने विचार साझा किए।

🔹 सम्मेलन में विविध शिक्षाविदों की उपस्थिति प्रोफेसर अनुपम जैन (इंदौर), असिस्टेंट प्रोफेसर मोहित जैन (राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर), जिला अल्पसंख्यक अधिकारी टोंक नितेश जैन, जीतो संस्थान भीलवाड़ा से जयकुमार पाटनी और मनीष जैन शामिल रहे।

📘 मुख्य वक्ता रहीं डॉ. सोनल जैन शिक्षाविद डॉ. सोनल जैन ने जैन धर्म की वैज्ञानिकता, शिक्षा के माध्यम से मूल्यों की स्थापना और समाज में शिक्षक की भूमिका पर विस्तृत व्याख्यान दिया।

🙏 गणिनी आर्यिका माताजी का सान्निध्य कार्यक्रम की आध्यात्मिक गरिमा गणिनी आर्यिका स्वस्ति भूषण माताजी के सान्निध्य से और भी प्रभावशाली बन गई।

🧑‍🏫 शिक्षकों की भूमिका पर चर्चा समाज में शिक्षक किस प्रकार नैतिकता, अहिंसा और सच्चाई के सिद्धांतों को बच्चों तक पहुंचा सकते हैं, इस पर गहन मंथन हुआ।

📰 मीडिया के सदुपयोग पर विशेष सत्र डिजिटल युग में जैन शिक्षा और विचारों को प्रचारित करने में मीडिया की भूमिका और उसके सही उपयोग पर विचार-विमर्श हुआ।

🏛️ जैतो संस्थान की योजनाओं की जानकारी जीतो संस्था की शैक्षणिक और सामाजिक योजनाओं से शिक्षकों को अवगत कराया गया।

👨‍👩‍👧‍👦 बच्चों में नैतिकता के बीज बोने पर जोर बच्चों को नैतिकता, संयम और धार्मिक मूल्यों की शिक्षा किस प्रकार दी जाए – इस पर कई नवाचारपूर्ण सुझाव सामने आए।

🗣️ संगठनात्मक जिम्मेदारी निभा रहे संयोजक मुख्य संयोजक धनराज जैन, सह-संयोजक नेमीचंद जैन और बालकृष्ण जैन ने सफल आयोजन की व्यवस्था संभाली।

📚 नैनवां के शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी स्थानीय शिक्षक पंकज जैन के अनुसार, नैनवां के कई शिक्षक, व्याख्याता और प्राचार्य इस सम्मेलन का हिस्सा बने।

👥 समाजसेवियों की सहभागिता प्रशांत जैन, विजय जैन, पवन जैन, प्रिया जैन और अंकिता जैन जैसे समाजसेवियों ने भी कार्यक्रम में सहभागिता निभाई।

इस ऐतिहासिक कॉन्फ्रेंस में शिक्षकों और विद्वानों ने जैन धर्म की गहराइयों को समझने और नई पीढ़ी तक पहुंचाने का संकल्प लिया। यह सम्मेलन भविष्य में जैन शिक्षकों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनेगा।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*