
शाजापुर/मेरठ – जैन कनेक्ट संवाददाता | अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर शाजापुर और मेरठ में जैन समाज ने पूरे उत्साह और धार्मिक भावना के साथ विविध धार्मिक आयोजनों को संपन्न किया। भगवान आदिनाथ की गन्ने के रस से पारणा की परंपरा को निभाते हुए श्रद्धालुओं ने इक्षु रस (गन्ने का रस) वितरण किया और विभिन्न पूजन विधियों द्वारा पर्व की गरिमा बढ़ाई।
🛕 चौबीस जिनालय धाम में विशेष अभिषेक शाजापुर के ओसवाल सेरी स्थित चौबीस जिनालय धाम में भगवान आदिनाथ का गन्ने के रस से विशेष अभिषेक किया गया।
🌿 बारह वर्ष की तपस्या की स्मृति यह पर्व भगवान ऋषभदेव द्वारा बारह वर्ष के कठोर तप के बाद गन्ने के रस से पारणा की स्मृति में मनाया जाता है।
🪔 तपस्वियों के पारणे का आयोजन अक्षय तृतीया के अवसर पर वर्षभर तपस्या करने वाले तपस्वियों का विधिपूर्वक पारणा कराया गया।
👑 मुकुट और चैन पहनाने का सौभाग्य पूजन में परमात्मा को मुकुट व चैन पहनाने का सौभाग्य महेश जैन (भरड़ वाले) परिवार को प्राप्त हुआ।
🧂 केसर पूजा और पक्षाल पूजा का लाभ केसर पूजा का लाभ सुरेश जैन (चक्की वाले) परिवार ने लिया, जबकि पक्षाल पूजा की बोली का लाभ जितेंद्र नारेलिया परिवार ने प्राप्त किया।
🧘♂️ मेरठ में भक्तांबर विधान का आयोजन मेरठ के शांतिनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर में अभिषेक, शांतिधारा के बाद भक्तांबर विधान और 48 अर्घ्यों की अर्पणा की गई।
🥤 जगह-जगह गन्ने के रस की छबील शहर के कचहरी रोड, थापर नगर सहित अनेक स्थानों पर श्रद्धालुओं को इक्षु रस का वितरण किया गया।
🙏 सौधर्म इंद्र बनने का सौभाग्य भक्तांबर विधान के दौरान सौधर्म इंद्र बनने का सौभाग्य नवीन जैन को प्राप्त हुआ, जिससे कार्यक्रम में आध्यात्मिकता का भाव गहराया।
🌿 पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था जैन समाज ने जीवदया के अंतर्गत जगह-जगह पर पक्षियों के लिए जल पात्र और दाना की व्यवस्था भी की।
🤝 समूहिक सहभागिता व सेवा भावना निशा जैन, प्रतीक जैन, संयम जैन, सुनील जैन, राकेश जैन, संजय जैन, दिशु जैन सहित अनेक समाजसेवियों ने कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी निभाई।
यह पर्व केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि समाज के कल्याण और पर्यावरण के प्रति जागरूकता का संदेश भी देता है। जैन समाज द्वारा संयम, तप और दान की परंपरा को अक्षय तृतीया पर जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया।
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