गुड़गांव–जैन कनेक्ट संवाददाता | जैन धर्म के मूल सिद्धांत अहिंसा, संयम और सात्विकता को समाज में पुनर्स्थापित करने और नई पीढ़ी में आहार के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वास्तु विशेषज्ञ, लाइफ कोच, ऑरा रीडर, ज्योतिष विद्वान एवं समाजसेवी मनोज जैन ने प्रतिवर्ष ‘जैन मील डे’ मनाने की पहल की है। इस दिन जैन समाज के हर परिवार, संस्था, मंदिर, ट्रस्ट और युवा मंडल को बिना लहसुन-प्याज वाला शुद्ध सात्विक भोजन एक साथ ग्रहण करने का आह्वान किया गया है।
🕊️ अहिंसा और सात्विकता का संदेश — मनोज जैन ने कहा कि जैन धर्म के मूल्यों को जीवन में अपनाने से कई व्यक्तिगत और सामाजिक समस्याओं का स्वतः समाधान हो सकता है।
🍽️ बिना लहसुन-प्याज का शुद्ध भोजन — इस विशेष दिन हर जैन परिवार और संस्था को एक साथ सात्विक भोजन करने का आग्रह।
🎯 युवाओं में संस्कार निर्माण — उद्देश्य है बच्चों और युवाओं में सात्विकता का महत्व स्थापित करना और अच्छे संस्कारों को बढ़ावा देना।
📅 महावीर जयंती पर आयोजन — ‘जैन मील डे’ प्रतिवर्ष महावीर जयंती पर मनाने का सुझाव, जो संयम और आहार नियंत्रण का प्रतीक है।
🕌 मंदिरों में सामूहिक भोज — मंदिरों और ट्रस्टों में सामूहिक जैन भोज तथा सात्विक आहार पर कार्यशालाओं का आयोजन।
📢 ‘एक थाली संयम की’ अभियान — सोशल मीडिया पर ‘एक थाली संयम की – एक संकल्प समाज के लिए’ अभियान चलाकर जागरूकता फैलाना।
🌿 सात्विक आहार के लाभ — सात्विक भोजन को प्राकृतिक चिकित्सा बताते हुए उन्होंने कहा कि यह शरीर को स्वस्थ और मन को शांत करता है।
🌏 पर्यावरण और स्वास्थ्य में योगदान — यह पहल धार्मिक सीमाओं से परे जाकर पर्यावरण-अनुकूल और स्वास्थ्यप्रद जीवनशैली को बढ़ावा देती है।
🤝 सामूहिकता और एकता का संदेश — इस दिन सामूहिक भोजन से समाज में एकता और भाईचारा मजबूत होगा।
💡 नई परंपरा की शुरुआत — भविष्य की पीढ़ी के लिए एक सकारात्मक सांस्कृतिक विरासत छोड़ने का संकल्प।
यह पहल केवल भोजन का आयोजन नहीं, बल्कि करुणा, आत्मानुशासन और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सामूहिक कदम है, जो भारतीय संस्कृति में भोजन के महत्व को नए सिरे से स्थापित करेगा।
Source : Prabhat Khabar

Leave a Reply