सूरत–जैन कनेक्ट संवाददाता | सूरत की पावन जैन भूमि पर रविवार का दिन एक आध्यात्मिक सौगात बनकर आया, जब गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने शहर के विभिन्न जैन संघों में चातुर्मास हेतु पधारे आचार्य भगवंतों के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। मंत्री संघवी ने श्रद्धा से आचार्यों को वंदन किया और उनकी मंगल वाणी का श्रवण कर आत्मिक अनुभूति जताई।
🌸 श्रद्धा और साधु-संतों के प्रति सम्मान गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने विभिन्न संघों में जाकर आचार्य भगवंतों को विनम्रतापूर्वक वंदन किया और उनके आशीर्वाद से आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त की।
🛕 श्री रांदेर रोड जैन संघ में दर्शन यहाँ गच्छाधिपति आचार्य ललितप्रसूरिश्वरजी म.सा. के चातुर्मास में उपस्थित होकर मंत्री संघवी ने दर्शन वंदन किए।
🕉️ पालना ॐकारसूरी आराधना भवन में आगमन आचार्य यशोविजयसूरीश्वरजी म.सा. के पावन चातुर्मास प्रवेश पर श्री संघवी ने वंदन कर शुभकामनाएँ दीं।
📿 श्री राम विहार जैन संघ में भक्ति भाव से वंदन यहाँ आचार्य शीलरत्नसूरीश्वरजी म.सा. के चरणों में मंत्री जी ने सिर नवाया और प्रवचन श्रवण कर आत्मविभोर हुए।
🪔 ॐकारसूरी आराधना भवन में पुनः आगमन आचार्य भाग्येशविजयसूरीश्वरजी म.सा. के चातुर्मास के स्वागत हेतु मंत्री संघवी ने श्रद्धा से उपस्थित होकर शुभकामनाएं प्रकट कीं।
🌿 श्री शांतिनाथ जैन संघ में अध्यात्म दर्शन यहाँ कुलचंद्रसूरीश्वरजी म.सा. की उपस्थिति में श्रद्धा से भरे माहौल में चातुर्मास का स्वागत हुआ।
👣 अठवालाइन्स जैन संघ में साक्षात्कार गच्छाधिपति अभयदेवसूरीश्वरजी म.सा. को मंत्री हर्ष संघवी ने ससम्मान वंदन किया और उनके मार्गदर्शन की सराहना की।
🌼 वेसु में श्री लब्धि-विक्रम जैन संघ में आगमन परम पूज्य आचार्य अजितयशसूरीश्वरजी म.सा. के चातुर्मास पर मंत्री संघवी ने श्रद्धाभाव से उपस्थित होकर शुभकामनाएँ दीं।
📢 धर्म, साधना और सेवा का पर्व मंत्री संघवी ने कहा कि चातुर्मास केवल ठहराव नहीं, बल्कि अध्यात्म, आत्मचिंतन और जनकल्याण का पर्व होता है।
🕊️ संघों में उमंग और उल्लास सभी जैन संघों ने आचार्य भगवंतों के चातुर्मास प्रवेश पर स्वागत सत्कार कर धर्मोत्सव का अनुभव किया।
इस आध्यात्मिक यात्रा में मंत्री हर्ष संघवी की सहभागिता न केवल श्रद्धा की प्रतीक रही, बल्कि यह भी दर्शाती है कि धर्म और सत्ता का समन्वय जनकल्याण की दिशा में कितना प्रभावी हो सकता है। चातुर्मास के माध्यम से संत समाज नगरवासियों को संयम, साधना और सत्संग का संदेश देगा।

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