इंदौर – जैन कनेक्ट संवाददाता | इंदौर की सड़कों पर शुक्रवार को एक ऐतिहासिक और भव्य धार्मिक आयोजन देखने को मिला, जब सिद्ध चक्र महामंडल विधान के समापन पर देशभर से आए 108 रथों की रथयात्रा निकाली गई। इस अद्वितीय आयोजन ने जैन समाज के धार्मिक गौरव को न केवल उजागर किया बल्कि देश-विदेश के श्रद्धालुओं को भी आकर्षित किया। दो स्वर्ण और दो रजत रथों समेत अनेक कीमती धातुओं व लकड़ियों से बने रथों ने इस यात्रा को और भी भव्य बना दिया।
📜 पढ़िए इस आयोजन के मुख्य बिंदु :
🪙 सोने-चांदी के रथों की पहली बार इतनी बड़ी रैली 108 रथों में दो सोने के, दो चांदी के और 35 से अधिक बहुमूल्य धातुओं से बने रथ शामिल हुए।
🌍 देशभर से रथ पहुंचे इंदौर बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से विशेष रथों को इस आयोजन में शामिल किया गया।
🚶 मुनि प्रमाण सागर जी की पदयात्रा रथों के पीछे मुनि श्री प्रमाण सागर जी महाराज अपने शिष्यों संग पैदल चलते नज़र आए।
🎥 गिनीज और गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की मौजूदगी इस ऐतिहासिक रथयात्रा को रिकॉर्ड करने के लिए रिकॉर्ड्स की अंतरराष्ट्रीय टीम भी शामिल हुई।
🎊 रथ यात्रा का रंगारंग स्वागत शहरभर में रथ यात्रा का पारंपरिक संगीत, पुष्पवर्षा और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ स्वागत हुआ।
🧵 पारंपरिक परिधानों में दिखे श्रद्धालु हजारों श्रद्धालु पारंपरिक पोशाकों में यात्रा में शामिल हुए, जिससे धार्मिक वातावरण और रंगीन हुआ।
🕊️ धर्म प्रभावना समिति का समर्पण आयोजन को सफल बनाने में समिति के सदस्यों ने महीनों पहले से तैयारियां शुरू कर दी थीं।
🛕 मालवा में पहली बार सिद्ध चक्र विधान यह संभवतः मालवा की धरती पर पहली बार हुआ कि इतना बड़ा धार्मिक विधान संपन्न हुआ।
📍 भारत के 28 राज्यों से श्रद्धालुओं की भागीदारी देशभर के 28 राज्यों से श्रद्धालु शामिल हुए और इस ऐतिहासिक यात्रा के साक्षी बने।
📏 4.5 किमी लंबी ऐतिहासिक यात्रा बिजनेस पार्क से शुरू होकर यह रथ यात्रा पाटनीपुरा चौराहे तक पहुंची, कुल 4.5 किलोमीटर लंबी रही।
यह आयोजन न केवल इंदौर बल्कि पूरे जैन समाज के लिए एक गौरवशाली क्षण बना। मुनि श्री प्रमाण सागर जी के सानिध्य और रथों की भव्यता ने इस रथयात्रा को एक यादगार धार्मिक उत्सव में परिवर्तित कर दिया। भक्तों की श्रद्धा, आयोजन की भव्यता और सांस्कृतिक रंगों ने इसे अविस्मरणीय बना दिया।

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