गोड़ी पार्श्वनाथ भगवान एवं दादा गुरुदेव की ध्वजा आरोहण विधि-विधान से संपन्न

जैसलमेर – जैन कनेक्ट संवाददाता | जैसलमेर में धार्मिक उल्लास और श्रद्धा के वातावरण में जैन ट्रस्ट जैसलमेर के तत्वावधान में गोड़ी पार्श्वनाथ भगवान गंगासागर एवं दादावाड़ी स्थित दादा गुरुदेव के चरण बिंबों की पूजा-अर्चना के साथ ध्वजा आरोहण सम्पन्न हुआ। यह धार्मिक आयोजन परंपराओं, भक्ति, और लोक कल्याण की भावना से ओतप्रोत रहा। श्रद्धालुओं ने विधिविधानपूर्वक पूजा कर ध्वजा चढ़ाकर विश्व शांति की कामना की।

🛕 गोड़ी पार्श्वनाथ भगवान की 217वीं ध्वजा गंगासागर स्थित गोड़ी पार्श्वनाथ भगवान की 217वीं ध्वजा का लाभ फुंदीबाई हरिसिंह कोठारी और मधुबाला विजय सिंह कोठारी परिवार ने लिया।

🪔 दादा गुरुदेव की अमर ध्वजा ग्रामीण बस स्टैंड स्थित दादावाड़ी में दादा गुरुदेव की अमर ध्वजा धाई देवी कुंदनमल राखेचा की स्मृति में राखेचा परिवार द्वारा चढ़ाई गई।

📜 ध्वजा आरोहण का पुण्य अवसर लाभार्थी परिवार ने शुभ मुहूर्त में “पुण्याहाम प्रीहंताम” के मंत्रोच्चार के साथ ध्वजा चढ़ाकर धर्म भावना प्रकट की।

🌿 चरण बिंब स्थापना का ऐतिहासिक महत्व महेंद्र भाई बाफना ने बताया कि ज्येष्ठ वदी पंचमी संवत 1866 में गोड़ी पार्श्वनाथ भगवान के चरण बिंब की स्थापना की गई थी।

🚿 अष्टप्रकारी पूजन में संघ की भागीदारी संघ के सदस्यों ने मिलकर चरण बिंब का अभिषेक, स्नान पूजा और अष्टप्रकारी पूजन विधिपूर्वक संपन्न किया।

🎶 महिला मंडलों द्वारा भक्ति भजन पार्श्व महिला मंडल व जिन कुशल मनोज्ञ महिला मंडल की सदस्यों ने दादा गुरुदेव की पूजा के साथ भक्ति गीतों का सुंदर गायन किया।

📖 गुरु इकतीसा का पाठ जैन संघ द्वारा लोक कल्याण और विश्व शांति की भावना से गुरू इकतीसा का सामूहिक पाठ किया गया।

🤝 सामूहिक उपस्थिति और सहभागिता जैन ट्रस्ट के ट्रस्टी, जिन कुशल युवा मंडल व खरतरगच्छ युवा परिषद के सदस्यों ने पूजन में भाग लेकर पुण्य अर्जित किया।

🙏 धार्मिक श्रद्धा का प्रदर्शन पूरे कार्यक्रम में श्रद्धालुओं ने गहरी आस्था के साथ भगवान व गुरुदेव के प्रति निष्ठा प्रकट की।

🌍 विश्व शांति के लिए संकल्प ध्वजा आरोहण के दौरान सभी ने समाज कल्याण, धर्म प्रचार और विश्व शांति की सामूहिक कामना की।

इस शुभ अवसर पर जैन समाज ने न केवल धर्म परंपरा को निभाया, बल्कि सामूहिक एकता, समर्पण और आध्यात्मिकता की भावना को भी प्रकट किया। इस आयोजन ने जैसलमेर में धार्मिक ऊर्जा का नवसंचार किया।

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