
भिंड‑जैन कनेक्ट संवाददाता | गुजरात के जूनागढ़ स्थित पवित्र गिरनार पर्वत की पाँचवीं टोंक पर जैन श्रद्धालुओं को पूजा करने से रोके जाने के खिलाफ मध्य‑प्रदेश के भिंड में जैन मिलन परिवार और सकल जैन समाज ने ज़बरदस्त रोष व्यक्त किया। दोनों संगठनों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नाम ज्ञापन कलक्टर को सौंपते हुए पूजा अधिकार बहाल करने की माँग की।
🙏 संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन — ज्ञापन में कहा गया कि भारतीय संविधान हर नागरिक को अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता देता है।
🛐 पाँंचवीं टोंक का आध्यात्मिक महत्त्व — यही वह स्थान है जहाँ जैन धर्म के 22वें तीर्थंकर नेमिनाथजी ने मोक्ष प्राप्त किया था।
📅 दो जुलाई 2025 की घटना — इसी दिन हज़ारों श्रद्धालुओं को टोंक पर जाने और पूजा करने से रोका गया।
🚫 जयकारे और द्रव्य अर्पण पर रोक — न तो “जय‑जयकार” करने दिया गया, न ही कोई पूजा सामग्री चढ़ाने दी गई।
📜 भिंड से भेजा गया ज्ञापन — प्रतिनिधिमंडल ने विरोध‑पत्र ज़िलाधिकारी को सौंपकर राज्य सरकार तक मुद्दा पहुँचाया।
⚖️ क़ानून व्यवस्था पर सवाल — संगठनों ने कहा, “धार्मिक बाधा राज्य के मौलिक कर्तव्यों के विपरीत है।”
✊ सकल जैन समाज में आक्रोश — देश‑भर के जैन समुदाय ने घटना की निंदा करते हुए एकजुटता दिखाई।
🗣️ CM भूपेंद्र पटेल से त्वरित कार्रवाई की माँग — ज्ञापन में पूजा की पूर्ण बहाली और दोषियों पर कार्रवाई का अनुरोध।
🌐 राष्ट्रव्यापी समर्थन अभियान — सोशल मीडिया पर #RestoreGirnarPuja ट्रेंड कर रहा है।
🔜 आंदोलन तेज करने की चेतावनी — समाधान न मिलने पर राज्य‑स्तरीय धरने की योजना बनाई गई है।
इस पूरे घटनाक्रम ने जैन समाज की धार्मिक स्वतंत्रता के प्रश्न को फिर से केंद्र में ला दिया है। समुदाय ने स्पष्ट संकेत दिया है कि यदि गिरनार की पवित्र टोंक पर पूजा‑दर्शन तुरंत पुन: प्रारंभ नहीं होते तो आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर तक ले जाया जाएगा।
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