गिरनार अहिंसा धर्म पदयात्रा का जसवंतनगर में ऐतिहासिक स्वागत

जसवंतनगर–जैन कनेक्ट संवाददाता | दिल्ली से गुजरात के गिरनार पर्वत तक अहिंसा और जैन तीर्थों के संरक्षण के संदेश के साथ निकली नेमिनाथ गिरनार अहिंसा धर्म पदयात्रा का सोमवार को जसवंतनगर में भव्य स्वागत किया गया। विश्व जैन संगठन के नेतृत्व में चल रही इस ऐतिहासिक पदयात्रा में श्रद्धालु राष्ट्रीय एकता, सद्भाव और अहिंसा का संदेश जन-जन तक पहुँचा रहे हैं। यात्रा में शामिल श्रद्धालु 1500 किलोमीटर की दूरी 101 दिनों में तय कर 2 जुलाई को गिरनार पर्वत पर भगवान नेमिनाथ के मोक्ष कल्याणक पर लाडू चढ़ाएँगे।

🇮🇳 राष्ट्रध्वज और जैन ध्वज ने बढ़ाया उत्साह श्रद्धालु 108 फीट लंबे राष्ट्रीय ध्वज और 1008 फीट लंबे पंचरंगी जैन ध्वज के साथ यात्रा कर रहे हैं, जिससे जनमानस में गर्व और श्रद्धा दोनों का संचार हुआ।

🚩 तीर्थ संरक्षण के स्लोगन ने दी नई दिशा यात्रियों ने जैन तीर्थों की रक्षा और संवर्धन से जुड़े संदेशों वाली तख्तियाँ भी थामीं, जो समाज को जागरूक करने का माध्यम बनीं।

🛕 श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर तक पहुँची यात्रा यात्रा पुलिस पिंक बूथ से होते हुए नगर के प्रमुख जैन मंदिर तक पहुँची, जहाँ समाज ने श्रद्धा के साथ स्वागत किया।

👳‍♂️ पगड़ी पहनाकर हुआ भव्य सम्मान जैन समाज अध्यक्ष राजेश जैन ने विश्व जैन संगठन के अध्यक्ष संजय जैन और उनकी टीम का पारंपरिक पगड़ी पहनाकर अभिनंदन किया।

📜 मोक्ष कल्याणक पर गिरनार पर्वत आमंत्रण संजय जैन ने 2 जुलाई को नेमिनाथ भगवान के मोक्ष कल्याणक अवसर पर गिरनार पर्वत की पांचवीं टोंक पर लाडू चढ़ाने का न्योता समाज को दिया।

🧭 101 दिन की प्रेरणादायक पदयात्रा 1500 किमी की यह यात्रा जैन तीर्थों के प्रति जनजागरूकता और सांस्कृतिक एकता को मजबूत करने का संदेश लेकर चल रही है।

🕉️ नेमिनाथ भगवान के बिम्ब की आरती पदयात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान नेमिनाथ के विग्रह की आरती और भक्ति आराधना की, जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया।

🧘‍♀️ महिलाओं और बच्चों की सक्रिय भागीदारी कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं, पुरुष और बच्चे मौजूद रहे, जिन्होंने श्रद्धा और ऊर्जा से यात्रा को समर्थन दिया।

🗣️ जैन तीर्थों के संरक्षण का आह्वान संजय जैन ने कहा कि तीर्थ केवल आस्था के केंद्र नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर भी हैं, जिनकी रक्षा जरूरी है।

🎊 समाज के सहयोग से बना ऐतिहासिक आयोजन
स्थानीय जैन समाज के सहयोग और उत्साह से जसवंतनगर में यात्रा का स्वागत एक स्मरणीय आयोजन बन गया।

नेमिनाथ गिरनार अहिंसा धर्म पदयात्रा न केवल एक आध्यात्मिक पहल है, बल्कि यह जैन संस्कृति, तीर्थ संरक्षण और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बन चुकी है। जसवंतनगर में हुआ इसका स्वागत इस यात्रा की ऐतिहासिकता को और अधिक समृद्ध कर गया।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*