
रायपुर- जैन कनेक्ट संवाददाता | दिगंबर जैन समाज द्वारा चल रहे दसलक्षण पर्व के अंतर्गत रविवार को चौथे दिन उत्तम शौच धर्म की आराधना की गई। राजधानी रायपुर के श्री श्री आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर सहित अन्य जिनालयों में सुबह से ही विशेष आयोजन हुए। श्रद्धालुओं ने अभिषेक, शांतिधारा, पूजा-अर्चना कर लोभ त्याग और आत्मशुद्धि का संकल्प लिया। इस अवसर पर समाज के वरिष्ठजनों ने शौच धर्म का महत्व समझाते हुए इसे जीवन का अभिन्न अंग बताया।
✨ आइए जानते हैं इस धार्मिक आयोजन से जुड़े प्रमुख पहलू
🛕 विशेष अभिषेक और शांतिधारा सुबह से ही श्रीजी का अभिषेक और शांतिधारा कर भक्तों ने धार्मिक माहौल को पावन बनाया।
🌸 शौच धर्म की पूजा शुद्धि और पवित्रता के प्रतीक शौच धर्म की विशेष पूजा संपन्न हुई।
🎉 मोक्ष कल्याणक पर लड्डू अर्पण पुष्पदंत नाथ भगवान के मोक्ष कल्याणक अवसर पर भगवान को लड्डू अर्पित किए गए।
📖 श्रेयश जैन का प्रवचन पूर्व उपाध्यक्ष श्रेयश जैन बालू ने शौच धर्म का महत्व बताते हुए कहा कि लोभ त्याग ही वास्तविक शुद्धि है।
🕊 लोभ त्याग का संदेश प्रवचन में समझाया गया कि भौतिक सुख की चाह में मनुष्य गलत कार्य करता है और अंततः कष्ट भोगता है, इसलिए लोभ छोड़ना आवश्यक है।
✨ मन की पवित्रता पर जोर प्रवचन में कहा गया कि जैसे शरीर को बाहर से साफ किया जाता है, वैसे ही मन की सफाई भी शौच धर्म का हिस्सा है।
🔔 मंगल आरती कार्यक्रम का समापन मंगल आरती और भक्ति गीतों के साथ किया गया।
📚 धार्मिक ग्रंथों का वाचन निर्वाण कांड का पाठ कर भक्तों ने आत्मकल्याण का मार्ग प्रशस्त किया।
🌼 सामूहिक पूजन देव-शास्त्र-गुरु पूजन और दसलक्षण पूजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने सहभागिता की।
👨👩👦 समाज की उपस्थिति आयोजन में इंजीनियर राजीव जैन, अशोक जैन, आदेश जैन, संदीप जैन, श्रद्धेय जैन, नीरज जैन, नरेंद्र जैन, निलेश जैन, राज जैन और कृष जैन सहित समाजजन उपस्थित रहे।
इस अवसर ने न केवल धार्मिक वातावरण को पवित्र किया बल्कि समाज को लोभ त्याग, आत्मशुद्धि और संयम का संदेश भी दिया। दसलक्षण पर्व के इस चौथे दिन की आराधना से श्रद्धालु आध्यात्मिक उत्थान की ओर प्रेरित हुए।
Source : Haribhumi
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