
रांची–जैन कनेक्ट संवाददाता | दिगंबर जैन मंदिर रांची में सोमवार को आयोजित प्रवचन सभा में समता सागर महाराज, पवित्र सागर महाराज, ऐलक निश्चय सागर, निजानंद सागर और क्षुल्लक संयम सागर महाराज ने श्रद्धालुओं को जीवन के गूढ़ संदेशों से अवगत कराया। मुनिश्री ने गांधीजी के तीन बंदरों के प्रतीक से सरल भाषा में धर्म, चेतना और चरित्र निर्माण के सिद्धांत समझाए। सभा में श्रद्धालुओं ने न केवल विचार सुने, बल्कि उन्हें जीवन में उतारने का संकल्प भी लिया।
🧠 ‘बुरा मत सोचो’ का मूल मंत्र मुनिश्री ने कहा कि यदि मन से बुरे विचार हट जाएं, तो बोल, दृष्टि और व्यवहार स्वयं ही शुद्ध हो जाएंगे।
🙈 तीन बंदरों के प्रतीक से शिक्षा ‘बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो और बुरा मत बोलो’ – इन तीनों के पालन से जीवन में संतुलन और शांति संभव है।
📚 धर्म की उन्नति के तीन स्तंभ प्रवचन में बताया गया कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति के लिए धर्मायतनों की रक्षा, ग्रंथों का प्रचार और जागरूक नागरिकों का निर्माण अनिवार्य है।
🧘 जागरूक नागरिकों का निर्माण जरूरी संतों ने कहा कि एक जागरूक नागरिक समाज और राष्ट्र दोनों का उत्थान करता है।
🏔️ गुणायतन में चातुर्मास का आमंत्रण गुणायतन सम्मेद शिखरजी से पहुंचे पदाधिकारियों ने आगामी चातुर्मास हेतु निवेदन किया, जिस पर संतों ने सहमति संकेत दिया।
🕉️ विश्व शांति के लिए शांति विधान मंगलवार सुबह 6:30 बजे शांति विधान का आयोजन समता सागर और पवित्र सागर महाराज के सानिध्य में होगा।
🛕 प्रतिमा पर अभिषेक और शांति धारा मुनीम कॉलोनी स्थित जैन मंदिर में जल शुद्धि और शांतिधारा के साथ भक्तों ने प्रतिमा का परिमार्जन किया।
📿 भक्तामर विधान एवं प्रवचन आचार्य भारत भूषण जी के सानिध्य में भक्तामर विधान के साथ आध्यात्मिक विचारों का गहन प्रवाह हुआ।
🌳 वृक्षारोपण से प्रकृति सेवा शाम को अशोक जैन के घर वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया।
👪 सामूहिक सहभागिता और श्रद्धा समारोह में समाज के वरिष्ठों, युवाओं और बच्चों ने मिलकर उत्साहपूर्वक भाग लिया और धर्म के प्रति समर्पण दिखाया।
जैन समाज की यह सभा केवल एक प्रवचन नहीं बल्कि विचारों के दीप जलाने वाला अवसर था। संतों की वाणी ने श्रद्धालुओं को जीवन की मूल दिशा की ओर उन्मुख किया, साथ ही धर्म, पर्यावरण और समाज सेवा को जोड़कर एक आदर्श संतुलन का संदेश दिया।
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