
मुंबई-जैन कनेक्ट संवाददाता | मुंबई के दादर स्थित ऐतिहासिक कबूतरखाने को लेकर बुधवार सुबह तनावपूर्ण हालात बन गए, जब जैन समाज के सैकड़ों सदस्यों ने जबरन कबूतरखाने का ढंकाव हटाकर वहां पर अनाज डालना शुरू कर दिया। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने हाल ही में सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को देखते हुए कबूतरों को दाना डालने पर रोक लगाते हुए ढांकने की व्यवस्था की थी। इस कदम के विरोध में समाज के लोगों ने भारी संख्या में एकत्र होकर प्रदर्शन किया, जिसके चलते पुलिस को सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त करने पड़े।
👇 नीचे प्रमुख घटनाक्रमों पर एक नजर:
📍 धार्मिक स्थल पर अपमानजनक कृत्य दादर कबूतरखाने को ढंकने की BMC की कार्रवाई को जैन समाज ने अपनी धार्मिक आस्था पर कुठाराघात बताया।
👥 सैकड़ों लोगों का विरोध प्रदर्शन सुबह से ही समाज के 100 से अधिक सदस्य कबूतरखाने पर पहुंचे और विरोध जताने लगे।
🔧 बांस व प्लास्टिक ढांचे को हटाया कुछ प्रदर्शनकारियों ने कबूतरखाने पर लगाए गए बांस व प्लास्टिक की ढांकनी को जबरन हटा दिया।
🚨 पुलिस बल की तैनाती स्थिति बिगड़ने की आशंका को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया।
👩👩👧👧 महिलाओं की अगुवाई में प्रवेश ढांकाव हटाने के बाद महिलाएं अंदर प्रवेश कर गईं और अनाज डालकर धार्मिक परंपरा निभाई।
📄 FIR दर्ज करने की तैयारी मुंबई पुलिस ने जबरन खोलने की घटना पर प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की है।
🗣️ मुख्यमंत्री के निर्देश की अनदेखी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में BMC को ‘नियंत्रित कबूतर दाना डालने’ की अनुमति देने के निर्देश दिए थे, जिसे नज़रअंदाज़ कर दिया गया।
🐦 92 साल पुरानी परंपरा पर रोक दादर का कबूतरखाना पिछले 92 वर्षों से जैन समाज के धार्मिक आस्थाओं का केंद्र रहा है।
📢 धार्मिक स्वतंत्रता की मांग प्रदर्शनकारियों ने BMC से धार्मिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करने की मांग की।
🌇 शहर में और भी विरोध की संभावना इस घटना के बाद शहर के अन्य कबूतरखानों को लेकर भी विरोध की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
संक्षेप में, दादर कबूतरखाना विवाद ने धार्मिक आस्था और सार्वजनिक स्वास्थ्य के बीच एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। जैन समाज की धार्मिक भावनाएं आहत होने का दावा है, जबकि प्रशासन इसे स्वास्थ्य संकट से जोड़कर देख रहा है। आगामी दिनों में यह विवाद और भी गहराने की आशंका है।
Source : ABP MAJHA
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