
अलीगढ़- संवाददाता | अलीगढ़ के तीर्थधाम मंगलायतन में भारतीय जैन मिलन का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन धूमधाम से संपन्न हुआ। इस मौके पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी के नवनियुक्त पदाधिकारियों को शपथ दिलाई गई और वर्षभर उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया। अधिवेशन में जैन समाज की सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक स्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई।
मुख्य बिंदु 👇
🔹 राष्ट्रीय कार्यकारिणी को दिलाई शपथ : अधिवेशन के दौरान भारतीय जैन मिलन के राष्ट्रीय पदाधिकारियों को औपचारिक रूप से शपथ ग्रहण कराई गई। 📝
🔹 सम्मान समारोह का आयोजन : वर्ष भर उत्कृष्ट सेवा देने वाले समाज सेवकों को मंच पर सम्मानित किया गया। 🏅
🔹 तीर्थ सुरक्षा पर जताई चिंता : राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश जैन ने तीर्थ स्थानों की सुरक्षा को लेकर समाज की सजगता पर बल दिया। 🛕
🔹 राजनीतिक भागीदारी की मांग : जैन समाज को राजनीति में उचित स्थान न मिलने पर चिंता जाहिर की गई और सभी राजनीतिक दलों से न्याय की अपील की गई। 🗳️
🔹 इतिहास का स्मरण : अधिवेशन में बताया गया कि स्वतंत्रता के बाद जैन समाज के 38 सांसद और कई राज्यपाल रहे हैं, लेकिन अब भागीदारी में गिरावट आई है।
🔹 देर से विवाह पर चर्चा : राष्ट्रीय संयोजिका निशी जैन ने युवाओं में विवाह की देरी को लेकर चिंता जताई और समय पर शादी के लिए जागरूकता की आवश्यकता बताई। 💍
🔹 सामाजिक कुरीतियों पर वार : अधिवेशन में जाति-बाह्य विवाह और पारिवारिक विघटन जैसी कुरीतियों पर गहरी चिंता व्यक्त की गई। 🚫
🔹 करदाता समाज को मिले सम्मान : जैन समाज देश में सबसे अधिक टैक्स देने वाला समाज होते हुए भी राजनीतिक उपेक्षा झेल रहा है – यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया। 💰
🔹 संगठन की एकता पर जोर : पूर्व अध्यक्ष विजय जैन ने संगठन की एकता को समाज की सबसे बड़ी ताकत बताया और उसे बनाए रखने की अपील की। 🤝
🔹 महावीर जयंती की शुभकामनाएं : कार्यक्रम के अंत में सभी को महावीर जयंती की अग्रिम शुभकामनाएं दी गईं और जैन धर्म की शिक्षाओं को आत्मसात करने का आह्वान किया गया। 🎉
निष्कर्ष :
यह राष्ट्रीय अधिवेशन न केवल समाज की वर्तमान चुनौतियों पर गंभीर चिंतन का केंद्र बना, बल्कि जैन समाज की एकता, संस्कृति और गरिमा को मजबूत करने का प्रेरणास्रोत भी सिद्ध हुआ।
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