कार्डबोर्ड से क्रांति : बंदना जैन बना रहीं ग्रामीण महिलाओं की प्रेरणा !

मुंबई-जैन कनेक्ट संवाददाता | मुंबई की समकालीन कलाकार बंदना जैन ने वह कर दिखाया है, जो आमतौर पर असंभव माना जाता है—बेकार समझे जाने वाले कार्डबोर्ड को वे न केवल अद्भुत मूर्तियों में बदल रही हैं, बल्कि इसके माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त भी कर रही हैं। बिहार के ठाकुरगंज गांव से मुंबई तक का उनका सफर केवल व्यक्तिगत सफलता की कहानी नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक बदलाव की मुहिम बन चुका है।

🔸 गांव से महानगर तक का प्रेरणादायक सफर 🌾 बिहार के छोटे से गांव ठाकुरगंज में जन्मी बंदना जैन अपने परिवार की पहली महिला बनीं, जिन्होंने उच्च शिक्षा हासिल की।

🔸 कार्डबोर्ड से हुआ कला का जन्म 📦 मुंबई के सर जे.जे. स्कूल ऑफ आर्ट में पढ़ाई के दौरान एक साधारण कार्डबोर्ड ने उनके अंदर की कलाकार को नई दिशा दी।

🔸 कला में आत्मा डालने वाली पहली कृति 🛋️ उनका पहला प्रसिद्ध काम एक एल-शेप पांच सीटर सोफा था, जो पूरी तरह से कार्डबोर्ड से बना था और जिसने मानसून की चुनौती को पार किया।

🔸 सार्वजनिक स्थानों पर पहुंची अनूठी कला ✈️ मुंबई के T2 एयरपोर्ट और माउंट मैरी चर्च जैसे स्थानों पर उनके कार्यों ने आम जनता को पर्यावरण और विरासत के प्रति सोचने पर मजबूर किया।

🔸 ड्रेप श्रृंखला में बचपन की झलक 👗 “Drape” सीरीज़ में वे अपने बचपन की साड़ियों को समर्पित करती हैं, जिनकी लहराती छवियाँ उनकी मूर्तियों में दिखती हैं।

🔸 Sylvn Studio: कचरे से अवसर तक 🏭 2013 में स्थापित Sylvn Studio भारत का पहला कार्डबोर्ड आधारित आर्ट स्टूडियो बना, जहाँ ग्रामीण महिलाओं को प्रशिक्षण और रोजगार मिल रहा है।

🔸 महिलाओं के लिए बना आत्मनिर्भरता का मंच 👩‍🎨 महाराष्ट्र की कई ग्रामीण महिलाएं अब बंदना के साथ मिलकर कचरे से कला रच रही हैं और आत्मसम्मान के साथ जीवन जी रही हैं।

🔸 प्रदर्शनी से जागरूकता की ओर 🖼️ “The Force Within” और “Brown Age” जैसी प्रदर्शनियों के माध्यम से उन्होंने उपभोक्तावाद और पर्यावरण पर गहरा संवाद रचा।

🔸 सम्मानों से सजी रचनात्मक यात्रा 🏆 उन्हें ELLE Décor इंटरनेशनल डिजाइन अवॉर्ड और WADe Asia सस्टेनेबिलिटी अवॉर्ड जैसे कई प्रतिष्ठित सम्मान मिल चुके हैं।

🔸 पुरुष प्रधान क्षेत्र में रची अपनी पहचान 💪 तमाम चुनौतियों के बावजूद, उन्होंने एक महिला कलाकार के रूप में अपनी अनूठी कला और सोच से अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई।

बंदना जैन की कहानी केवल कला की नहीं, बल्कि परिवर्तन की है। उनके हाथों से बना हर टुकड़ा न केवल पर्यावरण के लिए एक संदेश देता है, बल्कि समाज के उपेक्षित वर्गों को भी नई पहचान और दिशा देता है। कार्डबोर्ड के हर मोड़ पर एक नई उम्मीद, एक नई ऊर्जा और एक नया भविष्य आकार ले रहा है।

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