साधुमार्गी जैन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने की निष्पक्ष जांच की मांग

नीमच-जैन कनेक्ट संवाददाता | मध्य प्रदेश के नीमच जिले में जैन मुनियों पर हुए हमले ने जैन समुदाय में गहरी चिंता और आक्रोश पैदा कर दिया है। सिंगोली थाना क्षेत्र के अंतर्गत कछाला गांव के पास तीन जैन मुनियों के साथ मारपीट की गई। अब इस गंभीर मामले में श्री अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी जैन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेंद्र गांधी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है और निष्पक्ष जांच की मांग की है। उनका कहना है कि घटना सिर्फ लूटपाट का मामला नहीं, बल्कि यह किसी बड़े षड्यंत्र की ओर संकेत कर सकती है।

🟢 नीचे पढ़ें इस पूरे घटनाक्रम के मुख्य बिंदु:

🔍 हनुमान मंदिर पर विश्राम कर रहे थे संत तीन जैन मुनि नीमच-सिंगोली मार्ग स्थित कछाला गांव के पास एक हनुमान मंदिर में रुके थे।

🦹 छह बदमाश पहुंचे और की मारपीट कुछ देर बाद छह बदमाश वहां पहुंचे और मुनियों से पैसे और सामान की मांग की। इनकार पर मारपीट की गई।

🛑 पुलिस की त्वरित कार्रवाई पुलिस ने तेजी दिखाते हुए उसी दिन छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

🧘 संतों ने दिखाई क्षमा की भावना जैन मुनियों ने आध्यात्मिक मूल्यों के अनुरूप हमलावरों को माफ कर दिया।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उठाए सवाल नरेंद्र गांधी ने पूछा – “हमलावरों की असली मंशा क्या थी?” और निष्पक्ष जांच की मांग की।

🧩 षड्यंत्र की आशंका गांधीजी ने कहा कि आरोपियों का कोई पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, यह गहरी साजिश की ओर इशारा करता है।

📢 प्रशासन से गहराई से जांच की अपील उन्होंने प्रशासन से सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार करने की मांग की।

🔒 भविष्य में सुरक्षा के लिए चिंता इस घटना ने जैन संतों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

🗣️ समाज में चिंता और आक्रोश जैन समाज के विभिन्न संगठन इस हमले के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं।

🕊️ अहिंसा के पुजारियों पर हिंसा जिन संतों ने कभी किसी को कष्ट नहीं पहुंचाया, उन्हीं पर हिंसा का यह कृत्य बेहद निंदनीय है।

इस घटना ने जैन समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। जहां संतों ने अपने मूल्यों के अनुरूप माफ कर देने की उदारता दिखाई, वहीं समाज और प्रशासन के लिए यह चेतावनी है कि ऐसे मामले हल्के में न लिए जाएं। निष्पक्ष और गहराई से जांच ही भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोक सकती है।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*