बाड़मेर की आरती बोथरा का वैराग्य संकल्प : दीक्षा की ओर बढ़ाया कदम

बाड़मेर – जैन कनेक्ट संवाददाता | बाड़मेर की धर्मभूमि पर एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। आरती बोथरा, जो अब तक सांसारिक जीवन में शिक्षा और परिवार की सामान्य धारा में थीं, अब संयम और त्याग के अद्वितीय पथ पर अग्रसर हो रही हैं। खास बात यह है कि आरती बोथरा अपने परिवार की पहली सदस्य हैं, जो दीक्षा ग्रहण कर रही हैं। आरती की यह आध्यात्मिक यात्रा न केवल उनके जीवन को बदल रही है, बल्कि उनके पूरे परिवार को धर्म की ओर प्रेरित कर रही है।

🔸 🌼 परिवार की पहली दीक्षित साध्वी आरती बोथरा अपने पूरे परिवार की पहली सदस्य हैं जो दीक्षा का पथ अपनाने जा रही हैं।

🔹 🌱 परिवार में धर्म का संचार उनकी दीक्षा यात्रा ने उनके परिजनों को धर्म के प्रति प्रेरित कर धार्मिक आस्था जाग्रत की है।

🔸 🚶‍♀️ 1500 किमी पदयात्रा का अनुभव आरती ने अब तक लगभग 1500 किलोमीटर की पदविहार यात्रा की है और कई तप साधनाएं की हैं।

🔹 🔥 कठोर तपस्याओं का अभ्यास पंच प्रतिक्रमण, अट्ठाई, गणधर तप, उपधान आदि अनेक साधनाओं का उन्होंने दृढ़ता से पालन किया है।

🔸 🎓 शिक्षक बनने की चाह को त्यागा बीकॉम तक पढ़ चुकी आरती बचपन से टीचर बनना चाहती थीं, लेकिन वैराग्य के मार्ग ने उनका जीवन मोड़ दिया।

🔹 🧘‍♀️ 2018 में आया वैराग्य भाव वर्ष 2018 में उनके भीतर संयम जीवन की तीव्र भावना जागी, जिसने उन्हें दीक्षा की ओर बढ़ने को प्रेरित किया।

🔸 🙏 गुरु से मिला मार्गदर्शन गुरुवर्या बहिन म. डॉ विद्युत्प्रभाश्रीजी म.सा की निश्रा में उन्होंने करीब दो वर्षों तक धर्म और ज्ञान की शिक्षा ली।

🔹 👨‍👩‍👧‍👦 परिवार की सहमति से मिली राह दीक्षा के निर्णय में सबसे बड़ी चुनौती थी माता-पिता की सहमति, जो आखिरकार उनके सत्संकल्प से संभव हुई।

🔸 📅 16 फरवरी को होगी दीक्षा आरती बोथरा आगामी 16 फरवरी को वैराग्य की पूर्णता की ओर कदम रखते हुए दीक्षा ग्रहण करेंगी।

🔹 🌟 समाज में प्रेरणा का स्रोत उनका यह साहसी निर्णय युवा वर्ग और आधुनिक जीवन जी रहे लोगों के लिए धर्म और संयम की नई मिसाल है।

आरती बोथरा की संयम यात्रा यह दर्शाती है कि आत्मजागृति और दृढ़ निश्चय से कोई भी व्यक्ति मोक्षमार्ग की ओर अग्रसर हो सकता है। उनका निर्णय न केवल परिवार, बल्कि समूचे जैन समाज के लिए प्रेरणास्रोत बन चुका है।

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