आगर मालवा में अक्षय तृतीया पर राहगीरों को गन्ने का रस वितरित

आगर मालवा–जैन कनेक्ट संवाददाता | आगर मालवा जिले में अक्षय तृतीया के अवसर पर महावीर सेवा समिति द्वारा अजीतनाथ जैन मंदिर के बाहर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर समिति ने राहगीरों और श्रद्धालुओं को गन्ने का रस प्रसाद के रूप में वितरित किया। इस आयोजन ने जैन धर्म की पारंपरिक परंपराओं को जीवित रखा और समाज में एकता एवं सेवा का संदेश फैलाया।

🍹 गन्ने का रस वितरित किया गया आगामी आयोजन में महावीर सेवा समिति ने सौ से अधिक लोगों को ताजे गन्ने का रस वितरित किया, जिसे पवित्र प्रसाद माना गया।

🙏 राहगीरों से विनम्र आग्रह समाज के सदस्य श्रद्धालुओं और राहगीरों से हाथ जोड़कर गन्ने का रस लेने के लिए विनम्रता से आग्रह करते रहे, जो समाज की सेवा भावना को दर्शाता है।

📜 भगवान ऋषभदेव का पारणा जैन धर्म के पहले तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव ने अक्षय तृतीया के दिन गन्ने के रस से अपनी तपस्या का पारणा किया था, जो इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य था।

🌿 स्वस्थ और पवित्र प्रसाद समिति के सदस्य विशाल जैन और मानमल जैन ने गन्ने के रस को स्वस्थ और पवित्र प्रसाद बताते हुए इसे भगवान के आशीर्वाद के रूप में स्वीकार किया।

🌍 समाज में उत्साह और सेवा का संदेश कार्यक्रम के दौरान स्थानीय जैन भक्तों और राहगीरों ने प्रसाद वितरण की सराहना की, जिससे समाज में उत्साह और सेवा का संदेश फैल रहा है।

💬 अक्षय तृतीया का महत्व स्थानीय जैन भक्त सुनीता ने कहा कि अक्षय तृतीया नए आरंभ और मानवता की सेवा का प्रतीक है, जिसे इस आयोजन के माध्यम से जीते जी दिखाया गया।

💖 राहगीरों की सराहना राहगीर रमेश राठौर ने भी इस सेवा कार्य की सराहना करते हुए इसे एक नेक पहल बताया, जिससे मानवता की भावना जागृत होती है।

🌱 धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजनों का विस्तार महावीर सेवा समिति ने यह सुनिश्चित किया है कि भविष्य में भी धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिससे जैन धर्म की परंपराओं को जन-जन तक पहुंचाया जा सके।

🙌 समाजिक एकता और सेवाभाव इस आयोजन ने समाज में एकता और सेवा के प्रति प्रतिबद्धता को बढ़ाया और सभी को एक साथ लाकर यह आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

📅 भविष्य में और अधिक आयोजन महावीर सेवा समिति के अनुसार, ऐसे धार्मिक आयोजन आगे भी होते रहेंगे, जिससे समाज में एकजुटता और धार्मिक संस्कारों को बढ़ावा मिलेगा।

आगर मालवा में इस आयोजन ने जैन धर्म की परंपराओं को फिर से जीवित किया और समाज के हर वर्ग के लोगों को जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य किया। महावीर सेवा समिति के इस कदम से समाज में एकता और मानवता की भावना और अधिक मजबूत हुई है।

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