होनहार आदिश जैन को मिला लंदन के इम्पीरियल कॉलेज में पढ़ाई का मौका

हिसार–जैन कनेक्ट संवाददाता | हिसार के युवा गणित प्रतिभा आदिश जैन ने एक बार फिर भारत का नाम रोशन किया है। अंतरराष्ट्रीय गणित ओलंपियाड में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके आदिश को अब विश्व प्रसिद्ध इम्पीरियल कॉलेज लंदन में एमएससी मैथ्स की पढ़ाई के लिए चुना गया है। यह कॉलेज विश्व रैंकिंग में अमेरिका के एमआईटी के बाद दूसरा स्थान रखता है। आदिश की इस ऐतिहासिक उपलब्धि से न केवल उनका परिवार, बल्कि पूरा हिसार गर्व महसूस कर रहा है।

🔹 गणित ओलंपियाड में भारत का प्रतिनिधित्वआदिश जैन ने हाल ही में हुए अंतरराष्ट्रीय गणित ओलंपियाड में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए देश का परचम लहराया।

📘 इम्पीरियल कॉलेज लंदन में एमएससी मैथ्सअब वे लंदन स्थित इम्पीरियल कॉलेज में एमएससी गणित की डिग्री प्राप्त करने जा रहे हैं, जो विश्व का दूसरा शीर्ष कॉलेज है।

🎓 प्रारंभिक शिक्षा ओ.पी. जिंदल स्कूल सेआदिश ने अपनी स्कूली पढ़ाई हिसार के ओ.पी. जिंदल स्कूल से की है, जहां से उन्होंने गणित में गहरी रुचि विकसित की।

👨‍⚕️ डॉक्टरी परिवार से संबंधआदिश के माता-पिता—डॉ. विक्रम जैन और डॉ. विनीता जैन—चिकित्सा पेशे से जुड़े हैं और परिवार में शिक्षा व सेवा का माहौल रहा है।

🧠 गणित में रिसर्च करने की इच्छाभविष्य में आदिश गणित में गहन शोध करना चाहते हैं और इसी दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

🤝 माता-पिता और शिक्षकों का समर्थनअपनी सफलता का श्रेय आदिश ने अपने माता-पिता और शिक्षकों को देते हुए कहा कि उनके सहयोग से ही यह संभव हो पाया।

📚 स्वयं की गई तैयारीओलंपियाड की तैयारी के लिए आदिश ने दो साल पहले से स्वयं अभ्यास शुरू कर दिया था, और केवल जरूरत पड़ने पर शिक्षकों की सहायता ली।

🥲 भावुक हुई मां विनीता जैनआदिश की मां ने कहा कि उनका बेटा शुरू से ही गणित में तेज था, और उसकी मेहनत ने परिवार का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।

💬 शिक्षक का सराहना भरा बयानगणित शिक्षक गगनदीप ने बताया कि आदिश अद्वितीय प्रतिभा का धनी है, जो कठिन प्रश्नपत्रों को भी समय से पहले हल कर लेता था।

🏆 एमआईटी को छोड़ा, इम्पीरियल को चुना
आदिश को अमेरिका के एमआईटी से भी प्रस्ताव मिला था, लेकिन उन्होंने इम्पीरियल कॉलेज लंदन को अपनी प्राथमिकता दी।

हिसार के युवा आदिश जैन की यह उपलब्धि भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा है कि अगर लक्ष्य बड़ा हो और समर्पण सच्चा हो, तो दुनिया की कोई भी ऊंचाई दूर नहीं। उनकी सफलता भारत की प्रतिभा और शिक्षा के वैश्विक स्तर पर विस्तार की प्रतीक बन गई है।

Source : ETV BHARAT

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