आचार्य पुण्डरिक रत्न सूरिश्वर की मृत्यु को लेकर जैन समाज में आक्रोश

पाली – जैन कनेक्ट संवाददाता | पाली जिले के जाडन के निकट 28 मई को हुए हादसे में जैन संत आचार्य पुण्डरिक रत्न सूरिश्वर के निधन को लेकर जैन समाज में गहरा रोष व्याप्त है। समाजबंधु इस घटना को हत्या करार देते हुए दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। सोमवार को जिले में जैन समाज के सभी सम्प्रदायों व 42 युवा संगठनों के प्रतिनिधियों ने नवलखा मंदिर से रैली निकालकर जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

नीचे प्रस्तुत हैं इस विरोध रैली से जुड़ी प्रमुख बातें :

🚛 सड़क हादसे में हुई संत की मृत्यु आचार्य पुण्डरिक रत्न सूरिश्वर की ट्रक की चपेट में आने से मृत्यु हो गई, जिसे समाजजन हत्या मान रहे हैं।

🕊️ नवलखा मंदिर में एकजुटता जैन समाज के सभी सम्प्रदायों और 42 युवा संगठनों के सदस्य मंदिर में एकत्रित हुए।

🗣️ हत्यारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग आचार्य मणिप्रभ सागर व अन्य संतों ने इस घटना को सुनियोजित हत्या बताते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की।

🚶 अहिंसा सर्कल से रैली का आयोजन समाजबंधु संतों के साथ रैली में नारे लगाते हुए अहिंसा सर्कल होकर कलक्ट्रेट पहुंचे।

📜 ज्ञापन सौंपा मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए ट्रक ड्राइवर को कड़ी सजा देने की मांग की गई।

⚖️ न्याय नहीं मिला तो उग्र आंदोलन की चेतावनी समाज नेताओं ने स्पष्ट किया कि न्याय न मिलने पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

📣 जोरदार नारेबाजी “जब तक सूरज चांद रहेगा, पुण्डरीकसूरि का नाम रहेगा”, “जैन संतों को सुरक्षा दो” जैसे नारे गूंजे।

🛡️ साधु-साध्वियों को सुरक्षा की मांग आचार्य मणिप्रभ सागर ने चातुर्मास से पूर्व विहाररत साधु-साध्वियों को सुरक्षा देने का अनुरोध किया।

👥 प्रमुख समाजसेवियों की उपस्थिति पूर्व सांसद पुष्प जैन, विधायक ज्ञानचंद पारख समेत कई गणमान्य समाजजन उपस्थित रहे।

🤝 सम्पूर्ण जैन समाज का समर्थन जैन समाज के विभिन्न संघ–संस्थाएं एवं युवा संगठन इस आंदोलन में एकजुट दिखे।

जैन समाज की एकता और शांतिपूर्ण प्रदर्शन ने प्रशासन को स्पष्ट संकेत दिया है कि धर्मगुरुओं की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। यह विरोध केवल एक संत की मृत्यु पर नहीं, बल्कि समाज की भावनाओं की अभिव्यक्ति है।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*