नई दिल्ली – जैन कनेक्ट संवाददाता | भारत सरकार ने तेरापंथ धर्मसंघ के महान आध्यात्मिक गुरु और युगदृष्टा आचार्य श्री महाप्रज्ञ की 105वीं जयंती के अवसर पर ₹100 मूल्य का विशेष स्मारक सिक्का जारी करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय न केवल उनके अतुलनीय योगदान को सम्मान देने का प्रतीक है, बल्कि जैन समाज एवं राष्ट्र के लिए भी गर्व का विषय बन गया है।
आचार्य श्री महाप्रज्ञ न केवल संत और योगी थे, बल्कि वे एक प्रखर चिंतक, महान लेखक और मानवतावादी विचारक भी थे। उनका जीवन अहिंसा, संयम और ज्ञानयात्रा को समर्पित रहा। उनके अनुयायियों और श्रद्धालुओं में इस निर्णय से विशेष उल्लास का वातावरण व्याप्त हो गया है।
🔷 यहां जानिए इस स्मारक सिक्के से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें:
🌟 105वीं जयंती पर ऐतिहासिक निर्णय भारत सरकार ने आचार्य श्री महाप्रज्ञ की 105वीं जयंती पर ₹100 का विशेष स्मारक सिक्का जारी करने की घोषणा की है।
📍 तेरापंथ धर्मसंघ की मांग को मिला सम्मान तेरापंथ धर्मसंघ द्वारा की गई मांग पर वित्त मंत्रालय ने मुहर लगाते हुए स्मारक सिक्के को स्वीकृति दी।
🧘 अध्यात्म और अहिंसा के प्रतीक आचार्य महाप्रज्ञ का जीवन सत्य, अहिंसा और साधना के मूल्यों से ओतप्रोत रहा, जिसने लाखों लोगों को प्रेरित किया।
🖼️ सिक्के पर होगी गुरु की प्रतिमा स्मारक सिक्के के एक ओर आचार्य श्री महाप्रज्ञ की सुंदर प्रतिमा के साथ उनकी जन्म (1920) व निर्वाण (2010) तिथियां अंकित होंगी।
🪙 स्मारक शिलालेख का समावेश सिक्के पर ‘१०५ वा जन्म शताब्दी स्मारक’ ऐसा विशिष्ट शिलालेख दर्ज किया जाएगा।
🦁 दूसरी ओर होगा अशोक स्तंभ सिक्के की दूसरी ओर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ और ‘सत्यमेव जयते’ अंकित होगा।
🇮🇳 भारत और इंडिया शब्दों का उल्लेख सिक्के पर ‘भारत’ व ‘INDIA’ दोनों शब्द अंकित होंगे, जो इसे भारतीय गौरव का प्रतीक बनाएंगे।
⚖️ विशेष धातु से निर्मित यह सिक्का चांदी मिश्रित धातु से बनाया जाएगा, जिसका वजन लगभग 35 ग्राम और व्यास 44 मिमी होगा।
📚 गुणवत्ता और गरिमा का संगम सिक्के की गुणवत्ता उच्चतम स्तर की होगी, जिससे यह स्मारक केवल श्रद्धांजलि ही नहीं, बल्कि संग्रहणीय वस्तु भी बन जाएगा।
🙏 अनुयायियों में उत्सव का वातावरण इस ऐतिहासिक निर्णय से आचार्य श्री महाप्रज्ञ के अनुयायियों में आत्मिक आनंद और गौरव की अनुभूति हो रही है।
भारत सरकार द्वारा जारी किया गया यह स्मारक सिक्का न केवल एक आध्यात्मिक विभूति को सम्मानित करता है, बल्कि यह भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनेगा। आचार्य श्री महाप्रज्ञ का जीवन दर्शन आज भी समाज को नैतिकता, करुणा और सत्य के पथ पर चलने की दिशा दिखाता है।
Source : Dainik Lokmat

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